कई साल तक मासूम बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के दोषी हॉस्टल वार्डन को मौत की सजा सुनाई गई है। उसके मददगार को भी कोर्ट ने दोषी पाया है। मामला नवंबर 2022 का है। एक व्यक्ति ने दोषी के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी थी। जिसके बाद उसे पकड़ा गया था।
हॉस्टल वार्डन को अरुणाचल प्रदेश की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। 21 बच्चों का यौन उत्पीड़न करने का उसे दोषी पाया गया है। गुरुवार को विशेष POCSO अदालत ने अपना फैसला सुनाया। अपराध में शामिल एक हिंदी टीचर और पूर्व प्रिंसिपल को भी दोषी ठहराया है। जिन्होंने आरोपी की मदद की और रिपोर्ट नहीं दर्ज करवाई। उसे 20 साल जेल में रहना होगा।
इस फैसले पर 21 नाबालिगों की पैरवी करने वाले वकील ओयाम बिंगेप्प ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हमें न्याय मिला है। अदालत ने हमारी फरियाद सुनी और आरोपियों को सख्त सजा दी। यह भारत का पहला मामला है जब POCSO एक्ट के तहत किसी दोषी को पीड़ितों के साथ गंभीर फिजिकल यौन उत्पीड़न के लिए मौत की सजा सुनाई गई हो।