Holashtak 2022 : होली (Holi) के त्यौहार से ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक (Holashtak) शुरू हो जाता है। इन 8 दिनों में सभी शुभ कामों पर रोक लग जाती है। ये फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से शुरू हो जाता है जो कि होलिका दहन तक रहता है, इसे होलाष्टक कहा जाता है। इस समय में शुभ कार्य वर्जित माना जाता है। लेकिन इसमें जन्म और मृत्यु से जुड़े काज किए जा सकते हैं।
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दरअसल, होलाष्टक से होलिका दहन (Holika Dahan) की तैयारियां शुरु हो जाती हैं। इस बार होलाष्टक 10 मार्च को लग रहा है। दरअसल, इस दिन ही फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि तड़के 02:56 बजे लग रही है। वहीं 17 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा है। 17 मार्च को होलिका दहन के साथ इसका अंत हो जाएगा। बता दे, होलाष्टक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होता है और फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन के साथ खत्म होता है।
होलाष्टक के चलते न करें ये काम –
- 8 दिन किसी भी मांगलिक शुभ कार्य को करने के लिए शुभ नहीं होता है।
- इस दौरान शादी, भूमि पूजन, गृह प्रवेश, मांगलिक कार्य, कोई भी नया व्यवसाय या नया काम शुरू करने से बचना चाहिए।
- होलाष्टक शुरू होने के साथ ही 16 संस्कार जैसे नामकरण संस्कार, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश, विवाह संस्कार जैसे शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।
- किसी भी प्रकार का हवन, यज्ञ कर्म भी इन दिनों में नहीं किया जाता है।
- नवविवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है।