बढ़ती महंगाई के बीच एक ओर खबर सामने आई है। अब आम जनता को एक ओर बार झटका लगा हैं। जीएसटी की 45 वे बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी की दरें बढ़ जाएगी और यह 18 जुलाई से बढ़ेगी। बैठक में गैर ब्रांडेड लेकिन स्थानीय डेयरी और कृषि उत्पादों को 5% टैक्स दर स्लैब के दायरे में लाने के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों और समिति की एक पैनल की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है। 18 जुलाई से रोजमर्रा की कई वस्तुओं के लिए अधिक शुल्क देना पड़ेगा। नई दरों और छूट को लागू करने की आखरी तारीख भी 18 जुलाई रखी गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक में यह फैसला लिया गया है प्री- पैकेज्ड लेबल वाले कृषि उत्पादों जिसमें पनीर, लस्सी, दही, छाछ, गेहूं, अनाज, पापड़, शहद, मुरमुरे और गुड़ 18 जुलाई से इन सामानों के भाव में वृद्धि हो जायेगी। इन सामानों पर टैक्स बढ़ा दिया है। ब्रांडेड और पेकेज्ड वाले सामानों पर 5% जीएसटी लगाया जाता है जबकि बिना लेबल वाले और अनपैक सामान कर से मुक्त है, कर के दायरे से बाहर हैं।
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साथ ही महंगाई की बात करें तो परिषद ने राज्य के वित्त मंत्रियों होटल के कमरे और अस्पताल के कमरे को 12% जीएसटी दर स्लैब के दायरे में लाने की बात भी स्वीकार की और ये दर भी 18 जुलाई से लागू होगी। कुछ बर्तनों पर भी जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है।