बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार का बड़ा कदम, अब CM Helpline पर कर सकेंगे खुले बोरवेल की शिकायत

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ग्वालियर : पिछले कुछ समय में, पानी नहीं निकलने पर खुले बोरवेल को छोड़ देने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कई बच्चों की गिरकर मौत हो गई है। इन घटनाओं को रोकने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, मध्य प्रदेश सरकार ने कड़े नियम और कानून बनाने का फैसला किया है।

इसके साथ ही, सीएम हेल्पलाइन (181) पोर्टल पर खुले बोरवेल की शिकायत दर्ज करने के लिए एक नया विकल्प भी शुरू किया गया है। आप सीएम हेल्पलाइन एप या पोर्टल के माध्यम से इस प्रकार शिकायत दर्ज करा सकते हैं:

सीएम हेल्पलाइन एप को अपने मोबाइल पर प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।
एप खोलें और मुख्य पृष्ठ पर जाएं।
लाल रंग का विकल्प “खुले बोरवेल की शिकायत दर्ज करें” देखें।
विकल्प पर क्लिक करें और आवश्यक जानकारी भरें, जैसे कि बोरवेल का स्थान, उसकी तस्वीरें, और संपर्क विवरण।
“शिकायत दर्ज करें” बटन पर क्लिक करें।
शिकायत दर्ज होने के बाद, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के अधिकारी तुरंत कार्रवाई करेंगे और बोरवेल को सुरक्षित रूप से बंद करवाएंगे।

ध्यान दें! अब बोरवेल खनन से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नए नियमों में क्या बदलाव है?

सूचना अनिवार्य: बोरवेल खनन शुरू करने से कम से कम 15 दिन पहले, भूमिस्वामी को संबंधित निकाय को लिखित सूचना देनी होगी।
पंजीकरण जरूरी: सभी बोरिंग एजेंसियों को पंजीकरण कराना होगा।
बंद बोरवेल का निपटान: यदि बोरवेल अनुपयोगी, बंद या असफल हो जाता है, तो उसे उचित रूप से बंद करना होगा।
सूचना का दायित्व: खनन स्थल, समय, बोरवेल की सफलता या असफलता की जानकारी संबंधित अधिकारियों को देनी होगी।
डिजिटल रिकॉर्ड: बोरवेल की सफलता या असफलता की पुष्टि करने वाली तस्वीरों के साथ अक्षांश और देशांतर सहित जानकारी मोबाइल एप पर दर्ज करनी होगी।