शासकीय कर्मचारी संघ ने मध्यप्रदेश सरकार से मांग की है। आपको बता दें कि शासकीय कर्मचारी संघ ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया है कि पिछले करीब 12 वर्षों में कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन लगभग 2 गुना हो चुका है। लेकिन अभी तक बीमा राशि में कोई भी परिवर्तन नहीं हुआ है। ऐसे में राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों को सातवां वेतनमान दिया जा रहा है और इस वेतनमान का लाभ 2016 से राज्य कर्मचारी और अधिकारी ले रहे हैं। लेकिन पांचवे वेतनमान के अनुसार ही समूह बीमा राशि काटी जा रही है। इस दौरान कर्मचारियों की मृत्यु अगर हो जाती है तो उनके आश्रित परिवार को मात्र 2.5 लाख रुपए की राशि ही मिल पाती है, जो कि अब महंगाई को देखते हुए बहुत ही कम लग रही है। इसको लेकर शासकीय कर्मचारी संघ ने मध्यप्रदेश शासन से मांग की है।
दरअसल आपको बता दें कि मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया है कि शासकीय कर्मचारियों का समूह का जो बीमा करवाया जाता है। वो 12 साल पहले 2.5 लाख रुपए का बीमा करवाया था। जिसका प्रीमियम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ₹100 और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को ₹200 और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों को ₹400 तो वही प्रथम श्रेणी अधिकारियों को ₹600 दिए जाते हैं। इस दौरान कर्मचारियों का कहना है कि इतने सालों में सब कुछ बदल गया है, लेकिन बीमा आज भी ढाई लाख रुपए का ही होता है। जिसको लेकर संघ के कर्मचारियों ने मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन से मांग की है।
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इस दौरान कर्मचारियों ने मांग करते हुए कहा कि तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की समूह बीमा योजना के अंतर्गत काटी जाने वाली राशि सातवें वेतनमान के अनुरूप उन्हें ₹500 प्रति माह दिए जाएं। हालांकि अब यह कर्मचारियों की मांग स्वीकृत होती है या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन हाल ही में कई कर्मचारी मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल करने को लेकर भी धरना आंदोलन कर रहे हैं। जिसको लेकर कहीं जगह पर सरकार ने पेंशन बहाल कर दी है, तो वही पेंशन जारी करने की तैयारी भी कर रही है।