खाते खाली, वादे भारी, लाड़ली बहना योजना पर सियासत गरम, जीतू पटवारी का दावा, बहनों के खातों में नहीं आए पैसे

इस माह लाड़ली बहना योजना की किस्त जारी न होने पर जीतू पटवारी ने सरकार की नीयत और योजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आयु सीमा घटाने और राशि 3000 रुपये करने की मांग दोहराते हुए मुख्यमंत्री को सोशल मीडिया पर घेरा।

Abhishek Singh
Published:

मध्य प्रदेश में इस माह लाड़ली बहना योजना की किस्त जारी न होने को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने योजना की विश्वसनीयता और सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को सोशल मीडिया के माध्यम से घेरा। साथ ही, पटवारी ने लाभार्थी महिलाओं की आयु सीमा घटाने और योजना की राशि बढ़ाकर 3000 रुपये करने की मांग एक बार फिर दोहराई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि इस बार 10 तारीख को लाड़ली बहनों के खातों में राशि नहीं पहुंची, जबकि पूर्व में इसी तारीख को बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जाता था। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि क्या सरकार की नीयत बदल गई है या फिर बजट की स्थिति कमजोर हो गई है?

पटवारी ने विधानसभा में प्रस्तुत सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि अब तक 15,748 महिलाओं के नाम उनकी मृत्यु के बाद पोर्टल से हटा दिए गए हैं, वहीं 60 वर्ष से अधिक आयु की 3,19,991 महिलाएं भी योजना से बाहर कर दी गई हैं।

योजना में संशोधन की मांग, आयु सीमा कम हो और राशि बढ़े

पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आग्रह किया है कि लाड़ली बहना योजना की पात्रता आयु सीमा को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किया जाए, और अधिकतम आयु सीमा को 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष निर्धारित किया जाए। उन्होंने सरकार से चुनाव पूर्व किया गया वादा निभाने की बात कहते हुए प्रति माह 3000 रुपये की राशि तुरंत लागू करने की मांग भी दोहराई। कांग्रेस नेता ने भारतीय जनता पार्टी पर चुनावी वादों को निभाने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब बहनों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है।