इंदौर। शहर में जिस तरह से कोरोना संक्रमण फेल रहा है और मरीजो की संख्या में वृद्धि हो रही है उसके बावजूद भी शहर के कई निजी हॉस्पिटल मरीजो के साथ खिलवाड़ कर रहे है। ऐसे ही एक मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कोविड मरीजो के लिए बिस्तर रिजर्व नही करने पर 9 हॉस्पिटलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए है। हॉस्पिटल के संचालकों से 3 दिन में सफाई मांगी है।
15% बिस्तरों पर कोविड पॉजिटिव मरिजों को भर्ती के लिए रहेंगे
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक कोविड-19 के बढ़तें संक्रमण को देखते हुये 20 जुलाई को कलेक्टर ने निजी हॉस्पिटल के संचालकों के लिए आदेश जारी किए थे कि निजी हॉस्पिटलों के कुल बिस्तरों में से 15% बिस्तरों पर कोविड पॉजिटिव मरिजों को भर्ती के लिए रहेंगे, परन्तु आज दिनांक तक 7 निजी हॉस्पिटलों द्वारा एक भी कोविड मरीज को आपके हॉस्पिटल द्वारा भर्ती नहीं किया गया। इन हॉस्पिटलो में भर्ती नहीं किया कोविड पॉजिटिव मरीजो को जिन हॉस्पिटलों में कोविड पॉजिटिव मरीज भर्ती नही किए गए है उनमें
= वर्मा युनियन हॉस्पिटल
= गीता भवन हॉस्पिटल
= गुर्जर हॉस्पिटल
= शकुन्तला देवी हॉस्पिटल
= एस.एन.जी. हॉस्पिटल
= राबर्ट नर्सिग होम
= एस.एम.एस. एनर्जी हॉस्पिटल शामिल है। जबकि
युरेका हॉस्पिटल ओर क्लॉथ मार्केट हॉस्पिटल में अत्यंतकम में कोविड पॉजेटिव मरिजों की भर्ती किया गया। जो कोरोना वैश्विक महामारी के दौर
में सैद्धांतिक एवं मानवीय रुप से अनुचित व निंदनीय है।
नोटिस जारी ,3 दिन में जवाब दे
इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उक्त निजी हॉस्पिटल के संचालकों को नोटिस जारी किए है। उन्होंने कहा कि
आप सभी अपना स्पष्टीकरण तीन दिवस में अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष उपस्थित होकर मय सुसंगत
साक्ष्य, प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।
एफआईआर होगी और पंजीयन निरस्त होगा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने यह भी साफ कर दिया है कि
स्पष्टीकरण अप्राप्त या संतोषजनक न होने की दशा में नेशनल मेडिकल एक्ट 2019 की धारा 27 के तहत इसे Professional & Ethical Misconduct की श्रेणी में माना
जाकर आपका पंजीयन निरस्तीकरण,एफ.आई.आर., प्रेक्टीस से प्रतिबंध की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की जावेगी, जिसके लिए आप स्वयं जवाबदार होंगे।