नई दिल्ली : कोरोना की तीसरी लहर एक बार फिर देश की आर्थिक ग्रोथ को कमजोर कर सकती है। लोग बेकारी का दंश झेल सकते है और आर्थिक स्थिति से परेशान होने का भी सिललिला शुरू हो सकता है। यह अनुमान फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म नोमुरा ने लगाया है। हालांकि इस अनुमान डराने वाला है लेकिन इस तरह के विचार देश के नागरिकों में भी अवश्य ही आ रहे होंगे। क्योंकि जिस तरह से कोरोना का स्थिति बिगड़ती जा रही है उससे लॉकडाउन लगाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
बीते दो बार भी भुगत चुके है –
बता दें कि पिछले दिनों दो बार लॉकडाउन लगाया जा चुका है और इसका खामियाजा विशेषकर मध्यमवर्गीय व गरीब वर्ग के लोग भुगत चुके है। कईयों की नौकरियां चली गई तो कई लोगों के सामने भूखें मरने तक की नौबत आ गई थी। इसलिए इस तीसरी लहर को देखते हुए भी नागरिक भयाक्रांत है। देशवासियों के मन में यह भय है कि कहीं लॉकडाउन का दंश एक बार फिर न झेलना पड़ जाए और यदि ऐसा होता है तो कहीं उनके सामने रोजी रोटी का संकट तो खड़ा नहीं हो जाएगा..!
महंगाई भी बढ़ सकती है…
नोमुरा ने यह भी अंदाजा लगाया है कि तीसरी लहर के कारण महंगार्इ्र भी बढ़ सकती है। संस्था का यह भी अनुमान है कि भारत में कुल आबादी के 45 प्रतिशत ही टीकाकरण हो सका है। यही स्थिति फिलीपींस तथा इंडोनेशिया जैसे देशों की भी बताई गई है।