उज्जैन : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को प्रशासनिक भवन के सभाकक्ष में शहर में यातायात व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक ली गई। बैठक में महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एडीएम संतोष टैगोर नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय, सीईओ स्मार्ट सिटी आशीष पाठक, सीईओ यूडीए एवं प्रशासक महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति संदीप सोनी एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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कलेक्टर आशीष सिंह ने बैठक में जानकारी दी कि महाकाल महालोक के लोकार्पण के पश्चात उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तकरीबन पांच गुना अधिक बढ़ी है। शासकीय अवकाशों और शनिवार, रविवार पर प्रदेश और देश के विभिन्न शहरों से श्रद्धालु महाकाल महालोक और भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिये आ रहे हैं। ऐसे में बाहर से आने वाले वाहनों की संख्या काफी बढ़ गई है। इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा वाहनों की पार्किंग के लिये कुछ नये स्थान चिन्हित किये जा रहे हैं।
महाकाल महालोक विस्तारीकरण के दूसरे फेज में 850 वाहनों की पार्किंग निर्माणाधीन है। साथ ही विभिन्न मार्गों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिये बैठक में जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिकों से आवश्यक सुझाव मांगे गये।
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बैठक सुझाव दिये गये कि उज्जैन शहर और महाकाल महालोक के लिये अतिरिक्त पुलिस जवान तैनात किये जायें। जितने भी एकांगी मार्ग हैं, इनका सख्ती से पालन करवाया जाये। ई-रिक्शा के लिये नीति निर्धारित की जाये। इनकी वजह से जगह-जगह पर जाम की स्थिति आयेदिन निर्मित होती है। हरिफाटक ब्रिज पर बड़े वाहनों को प्रवेश न दिया जाये। गाड़ियों की सर्विसिंग और मरम्मत के लिये गैरेज वाले सड़क पर ही वाहन खड़े करते हैं। इनके विरूद्ध कार्यवाही की जाये। देवासगेट बस स्टेण्ड पर बसें अनावश्यक रूप से न ठहरें। पटनी बाजार से गोपाल मन्दिर और कण्ठाल तक चारपहिया वाहनों का प्रवेश सख्ती से बन्द करवाया जाये। बेसमेंट में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था हो।
मंत्री डॉ.यादव ने बैठक में कहा कि यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये भविष्य में मल्टीलेवल पार्किंग बनाये जाने की आवश्यकता है। इसके लिये विधिवत प्लान बनाया जाये। नगर पालिक निगम की प्रमुख दर्शनीय स्थलों के समीप जहां भी जमीन है, उसका वाहनों की पार्किंग के लिये सदुपयोग किया जाये। यदि किसी की निजी जमीन है तथा वह इसे पार्किंग के उपयोग के लिये स्वीकृति देता है तो उसे अनुमति दिलवाई जाये। इन्दौर रोड पर बड़े होटल के संचालक उनकी होटल में ठहरे श्रद्धालुओं को उज्जैन के प्रमुख दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कार पूल के माध्यम से करवायें, ताकि अनावश्यक रूप से वाहनों की संख्या न बढ़े। नृसिंह घाट से भूखी माता जाने वाले मार्ग को शीघ्र-अतिशीघ्र प्रारम्भ किया जाये।
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बैठक में विवेक जोशी, रूप पमनानी, विशाल राजौरिया, शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक राजेन्द्र गुप्त, नगर निगम की यातायात व्यवस्था समिति की प्रभारी दुर्गा शक्तिसिंह चौधरी, रवि भदौरिया, अशोक कड़ेल, संयोजक नव संवत्सर आयोजन समिति पं.नारायण उपाध्याय, कुल सचिव विक्रम विश्वविद्यालय डॉ.प्रशांत पुराणिक, वीरेंद्र कावड़िया, तरूण उपाध्याय, पं.चन्दन व्यास, डॉ.रमण सोलंकी, राजेशसिंह कुशवाह, नरेश शर्मा, कपिल यार्दे, रितेश वर्मा एवं अन्य विक्रमोत्सव आयोजन समिति के सदस्य मौजूद थे।