भोपाल: राजनीति में वंशवाद एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही पार्टियों में इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गई है। हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक बयान दिया है। उसके बाद वंशवाद पर जमकर बहस हो रही है, बीजेपी प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में पहुंचे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने वंशवाद पर जो बयान दिया है उस पर जमकर बहस छिड़ चुकी है। बीजेपी में नेता पुत्रों को टिकट दिए जाने पर विजयवर्गीय ने कहा कि “प्रधानमंत्री ने पहले ही साफ तौर पर कह दिया है कि परिवारवाद नहीं चलेगा उनका यही इशारा बहुत है, क्योंकि संगठन बीजेपी का आधार है और संगठन मजबूत होगा तभी सरकार बनाने में आसानी होगी, संगठन को कैसे मजबूत करना है इसको लेकर हम चर्चा कर रहे हैं और इसके लिए जिले के अंदर बूथ स्तर पर भी संगठन को मजबूत करना अब यही हमारा उद्देश्य है”।
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आपको बता दे कि मध्य प्रदेश में बीजेपी के कई बड़े नेताओं के बेटे है जो राजनीति में आ चुके हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वंशवाद को लेकर अपनी राय पहले ही स्पष्ट रूप से बता चुके हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पीएम मोदी ने साफ तौर पर कह दिया था कि भाजपा में वंशवाद के लिए कोई जगह नहीं है। दरअसल 2023 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं बीजेपी नेताओं के पुत्र जिस तरह से राजनीति में सक्रिय हैं उनकी इस सक्रियता को टिकट से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि राजनीति में वंशवाद को लेकर अब मामला गरमा गया हैं।