CM शिवराज ने किया Modi@20 का अनावरण, जानिए पुस्तक के 21 अध्यायों के कुछ अंश

Shivani Rathore
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इंदौर 11 सितंबर 2022 – भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष  गौरव रणदिवे के अनुसार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में नगर के प्रबुद्धजनों के बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक यात्रा के उत्कर्ष 20 वर्ष पर आधारित पुस्तक मोदी@20 का अनावरण किया पुस्तक में विभिन्न हस्तियों द्वारा लिखे गए लेखों का संकलन है।

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 अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इंदौर को मेरा प्रणाम है यह पुस्तक किसी व्यक्ति का महिमामंडन नहीं है यह पुस्तक देश का महिमामंडन करती है इस पुस्तक के लेखक कितने लब्ध प्रतिष्ठित हैं यह आप सभी जानते हैं। स्वर कोकिला स्वर्गीय लता मंगेशकर ने इसकी प्रस्तावना लिखी है और वह लिखते हैं कि जब माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद पर माथा टेका था तब देश एक अलग ही भाव से भर गया था और जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने पुणे में दीनानाथ मंगेशकर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन करने के आग्रह सहर्ष स्वीकार किया था तब से मैं उन्हें अपना भाई मानती हूं।

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देश को मिला भगवान का वरदान है पीएम मोदी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अनेकों ऐसे निर्णय लिए जिससे यह प्रतीत होता है कि वह भारत को भगवान का वरदान है उन्होंने धारा 370 हटाकर उन लोगों को जवाब दिया जो यह कहते थे कि अगर धारा 370 हटी तो खून खराबा हो जाएगा लेकिन एक पत्ता तक नहीं हिला, मोदी जी ने तीन तलाक जैसे कलंक को कानून बनाकर हटा दिया जिससे कि अल्पसंख्यक महिलाओं को बड़ी राहत मिली, विपक्षी पहले कटाक्ष करते हुए कहते थे कि राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे तारीख नहीं बताएंगे लेकिन अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है । कोरोना काल में पीएम मोदी की दृढ़ कार्य्र क्षमता की भी इस दौरान सीएम शिवराज ने भरपूर प्रशंसा की।

सुमित्रा महाजन और कृष्णमुरारी मोघे ने भी रखी बात

पूर्व स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब आनंदीबेन मुख्यमंत्री बनी थी तब मैं शपथ ग्रहण समारोह में गई थी तब वहां के चौकीदार ने मुझसे कहा कि जब मोदी जी यहां थे तब हमसे बात किया करते थे तो हमें अपनापन लगता था जब से वे यहां से गए हैं तब से अकेलापन महसूस होता है मैं युवाओं से यही कहना चाहती हो कि अगर राजनीति या देश क्षेत्र में काम करना चाहते हैं तो सामान्य लोगों को साथ रखकर उनके लिए योजना बनाकर कार्य करना चाहिए यह मोदी जी के चरित्र से सीखने वाली एक महत्वपूर्ण बात है।कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ भाजपा नेता श्री कृष्ण मुरारी मोघे ने संबोधित करते हुए कहा कि इस पुस्तक की विशेषता है कि किसी एक लेखक ने ही नहीं देश की 21 विभूतियां है जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है उन लोगों ने इस पुस्तक को लिखा है प्रधानमंत्री मोदी का विश्वास है कि देश की जनता के पास असीम क्षमता है उसे देश के हित में उपयोग करना चाहिए।

ये नेता भी रहे उपस्थित

इस अवसर पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ,वरिष्ठ नेता एवं कार्यक्रम के संयोजक कृष्णमुरारी मोघे, बाबूसिंह रघुवंशी, वरिष्ठ भाजपा नेता सत्यनारायण सत्तन, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, केबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवान, इ.वि.प्रा अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, पूर्व इ.वि.प्रा अध्यक्ष मधु वर्मा, विधायक रमेश मेंदोला, अनुसूचित जाति वित विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, श्रीमती मालिनी गौड़, आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, गोपीकृष्ण नेमा, मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

पुस्तक के 21 अध्यायों के कुछ अंश निम्नलिखित हैं

पुस्तक का पहला अध्याय जिसका शीर्षक मोदी निर्विवाद युवा प्रेरणा क्यों हैं पी.वी. सिंधु ने लिखा है इस पुस्तक का पहला अध्याय पीएम मोदी के सामाजिक प्रभाव के बारे में विस्तार से रौशनी डालता है। इस अध्याय में ओलंपिक पदक विजेता पी.वी. सिंधु ने पीएम मोदी के साथ युवाओं के जुड़ाव के कई उदाहरण साझा किए हैं।

पुस्तक का दूसरा अध्याय जिसका शीर्षक महिला सशक्तिकरण का नया व्याकरण श्रीमती शोभना कमिनेनी ने लिखा है जो कि महिला सशक्तिकरण उपायों के और महिलाओं पर उनके प्रभावों के बारे में बात करता है। ऐतिहासिक रूप से महिलाओं को दुनिया भर में अपने अधिकारों और मान्यता के लिए एक कठिन लडाई लडनी पडी है। लेकिन अब चीजें तेजी से बदल रही हैं और बहादुर और प्रतिभाशाली महिलाओं की एक पीढ़ी अपनी दृष्टि, प्रतिभा, साहस, कडी मेहनत के साथ समानता की राह पर आगे बढ़ रही है।

पुस्तक का तीसरा अध्याय जिसका शीर्षक जन केंद्रित दृष्टिकोण की सफलता जिसे अर्थशास्त्री सुरजीत एस. भल्ला ने इस दृजटिकोण से लिखा है ताकि पाठकों में इस बात की समझ विकसित हो सके कि समाज के निचले स्तर पर रहने वाले व्यक्तियों पर, पीएम मोदी की नीतियों का क्या सकारात्मक प्रभाव पडा है।

पुस्तक के चौथे अध्याय जिसका शीर्षक मोदी भागीरथी प्रयास अमीश त्रिपाठी ने लिखा है इस अध्याय में लेखक मोदी सरकार के दौरान हुए सांस्कृतिक पुनरुत्थानवाद के बारे में बात करते हैं।

पुस्तक का पांचवा अध्याय देश के माननीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकतंत्र, प्रदर्शन और विश्वास की राजनीति शीर्षक पर लिखा है इस अध्याय में वे पाठकों को प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक यात्रा का एक रोचक विवरण देते हैं। लेखक कहते है कि उसकी दुर्लभ और उल्लेखनीय यात्रा को समाहित करना अनिवार्य है। इस अध्याय के माध्यम से लेखक राष्ट्र निर्माण में पीएम मोदी के योगदान को पाठकों के समक्ष रखने का प्रयास करते है।

पुस्तक का छठा अध्याय जिसका शीर्षक चुनाव और चुनाव प्रचार का तरीका हमेशा के लिए बदला है प्रदीप गुप्ता द्वारा लिखा गया है, जिसमें वे हमें आंकडों के माध्यम से बताते हैं कि कैसे मोदीजी ने भारत के चुनावी परिदृश्य को बदल दिया है।

पुस्तक के सातवें अध्याय जिसका शीर्षक व्यापक सोच और व्यापक स्तर पर निष्पादन अनंत नागेश्वरन द्वारा लिखा गया है, जिसमें लेखक मोदी जी की व्यापक सोच और अपने विचारों को व्यापक स्तर पर क्रियान्वित करने की उनकी अनूठी क्षमता पर चर्चा करते है।

पुस्तक का आठवां अध्याय जिसका शीर्षक समृद्ध भारत की ओर अरविंद पनगढ़िया द्वारा लिखा गया है यह अध्याय सबसे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी जी के उत्कृष्ट कार्यों से हमें परिचित कराता है और निर्विवाद रूप से उनके वे अविश्वसनीय प्रदर्शन ही थे जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के सिंहासन तक पहुंचने के विचार से उनके लिए लॉन्च पैड के रूप में कार्य किया था।

पुस्तक का नवा अध्याय जिसका शीर्षक छोटे-छोटे परिवर्तन, जिसने आम नागरिक के जीवन को बेहतर बनाया डॉ शमीका रवि द्वारा लिखा गया है इस अध्याय में देश भर के जन सामान्य के जीवन में लाए गए परिवर्तन को दर्शाते हुए प्रधानमंत्री मोदी के प्रशासन की पांच महत्वपूर्ण सफलताओं का विवरण दिया गया है।

पुस्तक का दसवां अध्याय जिसका शीर्षक निजी उद्यम और राष्ट्र निर्माण उदय एस. कोटक द्वारा लिखा गया है अध्याय में निजी क्षेत्र का अटूट समर्थन प्रदान करने और देश की आर्थिक प्रगति में उनके योगदान को पहचानने में मोदी सरकार की भूमिका पर चर्चा की गई है।

पुस्तक का 11 वा अध्याय पर्यावरण स्थिरता एवं आर्थिक विकास कार्य प्रणाली तथा कार्यवाही में संयोजन शीर्षक से अजय माथुर ने लिखा है इस अध्याय में पिछले 20 वर्षों में नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए और असंख्य कदमों के संदर्भ में की गई चर्चा पर जोर दिया गया है ।

पुस्तक का 12 वां अध्याय जिसका शीर्षक एक ऐसा व्यक्तित्व जिस पर जनता मुश्किल दौर में विश्वास करती है अनुपम खेर द्वारा लिखा गया है इस अध्याय में लेखक उन बातों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं जिससे यह सिद्ध होता है कि कैसे संकट के दौर में मोदी की असाधारण शासन शैली और उनकी नवीन सोच एवं नीतियों से देश इन परिस्थितियों से उभरने में कामयाब रहा है।

पुस्तक का 13 वां अध्याय जिसका शीर्षक कृषि: अच्छी स्थिति , लेकिन अब भी बेहतरी की गुंजाइश अशोक गुलाटी द्वारा लिखा गया है इस अध्याय में 2001- 2014 तक मुख्यमंत्री और 2014 से अब तक प्रधानमंत्री के रुप में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समृद्धि कृषि क्षेत्र की तुलना की गई है।

पुस्तक का अध्याय 14 जिसका शीर्षक महामारी से युद्ध :अग्रिम मोर्चे पर कुशल नेतृत्व है डॉ देवी शेट्टी द्वारा लिखा गया है इस अध्याय में लेखक ने हवाई अड्डे पर आने वाले रोगियों पर नजर रखने, जागरूकता उत्पन्न करने, आधारभूत संरचना के निर्माण, क्वॉरेंटाइन की सुविधा प्रदान किए जाने जैसी व्यवस्था के द्वारा मोदी जी के नेतृत्व में कोविड-19 के विरुद्ध भारत की लड़ाई पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।

पुस्तक का 15 वां अध्याय जिसका शीर्षक 1 शासन उपकरण के रूप में प्रौद्योगिकी की कल्पना है इस अध्याय के लेखक नंदन नीलेकणी कहते हैं भारत का डाटा और जनसांख्यिकीय अपनी तकनीकी दक्षता के साथ इस दशक को देश का टेक दशक बना देगी।

पुस्तक का 16 वा अध्याय जिसका शीर्षक करनी एवं कथनी के बीच में कोई अंतर नहीं नृपेंद्र मिश्र द्वारा लिखा गया है लेखक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव भी हैं लेखक का कहना है कि प्रधानमंत्री बनने तक की यात्रा की निभाई गई भूमिका के उनके नेतृत्व ने देश को उचित आकार दिया है।

पुस्तक का 17 अध्याय जिसका शीर्षक लोकतंत्र जनता की शक्ति और जन आंदोलन जिसके लेखक सद्गुरु है सद्गुरु इस पूरे अध्याय में प्रधानमंत्री मोदी को नरेंद्र भाई के रूप में संबोधित करते हैं सद्गुरु लोगों के व्यक्तित्व पर नरेंद्र मोदी के प्रभाव की चर्चा करते हुए कहते हैं कि प्रधानमंत्री ने ना केवल लोगों का दिल जीता बल्कि भव्य भारत का मार्ग भी प्रशस्त किया।

पुस्तक का 18 अध्याय जिसका शीर्षक और फिर परिवर्तन की हवा आई श्रीमती सुधा मूर्ति द्वारा लिखा गया है मती सुधा मूर्ति द्वारा लिखे गए अध्याय की प्रमुख विशेषता ना केवल ढांचागत परिवर्तनों पर अपनी राय है बल्कि लोगों की समग्र मानसिकता में जो बदलाव आया है पहले उसी की चर्चा करता है।

पुस्तक का 19 वां अध्याय जिसका शीर्षक मजदूर और प्रभावी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के माध्यम से विरोधाभास ओं से निपटारा जिसके लेखक अजीत डोभाल, के.सी है एक मजबूत और प्रभावी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति तैयार करने के लिए उद्देश्यों और निर्माण क्षमताओं को परिभाषित करने के साथ-साथ राजनीतिक इच्छाशक्ति भी सर्वोपरि है इस अध्याय के लेखक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस बात पर जोर दिया है कि कड़ी मेहनत विस्तृत जानकारी जुटाने और जटिल मुद्दों को लेकर समाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असाधारण विशेषताएं में से कुछ महत्व विशेषताएं हैं यह ऐसे कारक हैं जिसके माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव को सुनिश्चित किया गया है।

पुस्तक का 20 वां अध्याय जिसका शीर्षक एक वैश्विक परिघटना का उदय जिसके लेखक मनोज लडवा एवं भरत कराई है
उन्होंने लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा प्रवासी भारतीयों को भारत के लिए प्रयुक्त लाभ के रूप में देखा है।

पुस्तक का 21 वां अध्याय जिसका शीर्षक विदेश नीति दृष्टि और उपलब्धियां है जिसे डॉ एस जयशंकर द्वारा लिखा गया है डॉ एस जयशंकर ने 26 मई 2014 को लिखा था कि नरेंद्र मोदी ने उस क्षेत्र में एक साहसिक कदम उठाकर भारत की विदेश नीति के प्रतिष्ठान को चौंका दिया है उन्होंने नई दिल्ली में अपने मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी नेताओं को आमंत्रित किया ।