हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को सम्मानित करने का दिन होता है। हालांकि, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 26 दिसंबर के अलावा किसी अन्य दिन बाल दिवस मनाने को समाज की भूल करार दिया। उन्होंने गुरुवार को कहा कि समाज ने पहले गलती की थी जब बाल दिवस किसी और दिन मनाया जाता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लेकर इस गलती को सही किया है।
गुरुद्वारे में आस्था के साथ मत्था टेका, सुनी गुरु की वाणी
गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के हमीदिया गुरुद्वारे में गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों के बलिदान दिवस पर मत्था टेकने के बाद मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद आज वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर, वह गुरु गोविंद सिंह के परिवार के बलिदान को श्रद्धा भाव से याद कर रहे हैं। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने वीर बाल दिवस के मौके पर हमीदिया रोड स्थित गुरुद्वारे में मत्था टेका, साहिबजादों के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की और गुरु वाणी का श्रवण किया। अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने ‘जो बोले सो निहाल- सत श्री अकाल’ के उद्घोष से की।
वीर बाल दिवस कार्यक्रम में सीएम ने लिया भाग
गुरुवार को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बैठक से पहले राजधानी स्थित भारत भवन में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर सिख समाज के धर्म गुरु भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए विशेष है। गुरु गोविंद सिंह ने अपने जीवन को धर्म, समाज और देश की सेवा में समर्पित किया। यह उनके महान व्यक्तित्व का हिस्सा था कि उनके परिवार ने भी देश के लिए अपनी जान कुर्बान की। यह एक ऐतिहासिक और अनूठी घटना है।