छत्तीसगढ़ में महिला विकास की नई इबारत

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By Abhishek SinghPublished On: December 13, 2025

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को पूरा करने के लिए बीते दो वर्षों के दौरान महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर परिवर्तनकारी कार्य हुए हैं, उन्होंने राज्य को राष्ट्रीय पटल पर एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित किया है। सरकार ने महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और निर्णय क्षमता को अपनी नीतियों का मूल आधार बनाते हुए सामाजिक-आर्थिक बदलाव की एक नई दिशा तय की है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय कहते हैं कि हमारा संकल्प है कि छत्तीसगढ़ की हर महिला आत्मनिर्भर, सुरक्षित और सम्मानित जीवन जिए। बीते दो वर्षों में महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर जो कार्य किए गए हैं, वे एक विकसित और समृद्ध छत्तीसगढ़ की मजबूत नींव हैं। सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य, आजीविका, सुरक्षा और भागीदारी को हर नीति के केंद्र में रखकर आगे भी योजनाएँ लागू करती रहेगी।

शासन की महत्वकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को नई मजबूती दी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 मार्च 2024 को वर्चुअली लॉन्च की गई इस योजना के तहत राज्य की लगभग 70 लाख विवाहित महिलाओं को हर माह 1,000 रुपये की प्रत्यक्ष सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक 14,306 करोड़ 33 लाख रुपये की राशि 22 किश्तों में उनके बैंक खातों में पहुंचाई जा चुकी है। महिलाओं के पोषण, स्वास्थ्य और आर्थिक मजबूती के लिए 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान भी यह दर्शाता है कि महिला कल्याण राज्य की विकास-यात्रा का केंद्र बिंदु है।

महिलाओं को संपत्ति में अधिकार देने के लिए रजिस्ट्री शुल्क में 1 प्रतिशत की छूट जैसे निर्णयों ने उन्हें न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण भी प्रदान की है। इसी क्रम में 368 महतारी सदनों का निर्माण स्वीकृत किया गया है, जहाँ महिलाओं को प्रशिक्षण, परामर्श, कौशल विकास और सहायक सेवाएँ एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय एवं प्रोत्साहन राशि का ऑनलाइन भुगतान शुरू कर सरकार ने सुशासन और पारदर्शिता को और भी मजबूत किया है।

ग्रामीण और वंचित वर्ग की महिलाओं तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए राज्य सरकार ने स्व-सहायता समूहों को नए अवसर प्रदान किए हैं। छह जिलों बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा, रायगढ़ और सूरजपुर में रेडी-टू-ईट का कार्य महिला समूहों को सौंपा गया है। वहीं 42 हजार 878 महिला समूहों को 12,946.65 लाख रुपये का रियायती ऋण प्रदान कर उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया गया है। इसके साथ ही निर्माण श्रमिक परिवारों की महिलाओं और बेटियों के लिए मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना, सिलाई मशीन सहायता और दीदी ई-रिक्शा योजना जैसी पहलों ने आजीविका के नए विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। मिनीमाता महतारी जतन योजना गर्भवती श्रमिक महिलाओं को स्वास्थ्य, पोषण और आर्थिक सुरक्षा का मजबूत आधार प्रदान कर रही है।