प्लास्टपैक 2025, भारत का सबसे बड़ा प्लास्टिक उद्योग सम्मेलन, एक नए आयाम पर पहुंचने के लिए तैयार हो रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक उद्योग को भविष्य के लिए तैयार करना है। इस वर्ष की थीम “प्लास्टिक इंडस्ट्रीज रेडी फॉर फ्यूचर, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, पाइप, एग्रीकल्चर और फार्मा इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी” है। प्लास्टपैक 2025 लाभ गंगा एक्जीबिशन सेंटर, इंदौर में 9 से 12 जनवरी, 2025 तक आयोजित किया जाएगा।
सचिन बंसल प्रेसिडेंट इंडियन प्लास्ट पैक फोरम, हितेश मेहता चेयरमैन प्लास्ट पैक 2025 के मार्गदर्शन में आयोजित होने वाले प्लास्टपैक 2025 में देशभर के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से IPPF की टीम देश भर के मुख्य शहरों में पहुँच रही है। इसी कड़ी में 12 दिसम्बर को प्लास्टपैक की टीम इंदौर पहुंची और मीडिया से मुलाकात की, जिसमें प्लास्टपैक के चार दिवसीय आयोजनों की रूपरेखा को साझा किया गया। प्लास्टपैक की टीम ने इंदौर और उसके आस-पास के शहरों के इंडस्ट्री से जुड़े कई गणमान्य लोगों से भी मुलाकात की।
इंडियन प्लास्टपैक फोरम के प्रेसिडेंट सचिन बंसल ने कहा, “प्लास्टपैक 2025 प्लास्टिक उद्योग के लिए एक अनूठा मंच है। यह आयोजन इंडस्ट्री के नवीनतम रुझानों को प्रदर्शित करने के साथ उद्योगपतियों, वैज्ञानिकों और पॉलिसी मेकर्स को एक साथ लाकर इंडस्ट्री के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने का अवसर भी प्रदान करेगा। प्लास्टपैक 25 केवल एक प्रदर्शनी नहीं है; यह भारत के प्लास्टिक और पैकेजिंग उद्योग के लिए अपनी ताकत, इनोवेशन और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का एक मंच है।”
इंडियन प्लास्टपैक फोरम के वाईस प्रेसिडेंट जाहिद शाह ने कहा, “आज हमें ख़ुशी हो रही है कि हम इंदौर आपके बीच पहुंचे हैं। हम आपके माध्यम से प्लास्टिक और पैकेजिंग से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स को आमंत्रित करते हैं। प्लास्टपैक 2025 प्लास्टिक उद्योग के लिए एक अनूठा मंच है। यह आयोजन इंडस्ट्री के नवीनतम रुझानों को प्रदर्शित करने के साथ उद्योगपतियों, वैज्ञानिकों और पॉलिसी मेकर्स को एक साथ लाकर इंडस्ट्री के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने का अवसर भी प्रदान करेगा। प्लास्टपैक 25 केवल एक प्रदर्शनी नहीं है; यह भारत के प्लास्टिक और पैकेजिंग उद्योग के लिए अपनी ताकत, इनोवेशन और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का एक मंच है।”
आगे शाह बताते हैं, “प्लास्टिक हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है। सुबह से लेकर शाम तक हम कितनी ही बार प्लास्टिक का उपयोग करते हैं। हमारे बीच एक भ्रांति फैला दी गई है कि प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। प्लास्टिक को रिसाइकिल किया जा सकता है, जबकि लकड़ी के साथ ऐसा संभव नहीं है। केवल वह प्लास्टिक, जो रिसाइकिल की प्रक्रिया में नहीं आ पाते, केवल वही प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। यह मात्रा प्लास्टिक इकॉनमी का केवल 1 या 2 प्रतिशत है। इस प्रकार, प्लास्टिक का सही और पुनः उपयोग पर्यावरण और उद्योग दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है।“
इंडियन प्लास्टपैक फोरम के सेक्रेटरी अंकित भारुका ने कहा – मध्य प्रदेश एक लैंडलॉक्ड स्टेट है, यहाँ पोर्ट्स की सुविधा नहीं है, लेकिन यह पूरे भारत के मध्य में स्थित है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे एक अनूठा व्यापार केंद्र बनाती है, जहां से किसी भी राज्य में उत्पाद को आसानी से पहुंचाया जा सकता है। यह इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के लिहाज से इंडस्ट्री के लिए बेहद फायदेमंद है। प्लास्टपैक 2025 जैसे आयोजन इस रणनीतिक लाभ को इंडस्ट्री के सामने और अधिक प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करेंगे। हमारा उद्देश्य मध्यप्रदेश को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है। यह आयोजन न केवल स्थानीय उद्योगों को अपनी ताकत दिखाने का अवसर देगा, बल्कि देशभर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई संभावनाओं को तलाशने का भी माध्यम बनेगा। प्लास्टपैक 2025 में नए इनोवेशन, आधुनिक तकनीक और स्थिरता पर फोकस करते हुए, राज्य को मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में प्रयास किया जाएगा।“
आगे अंकित भारुका ने बताया कि – 400 से अधिक कंपनियों के 2000 से अधिक एग्जीबिटर्स इस आयोजन में भाग लेंगे। प्लास्टपैक 2025 के लिए संपूर्ण लाभ गंगा एग्जीबिशन सेंटर को मुख्यतः 6 भागों में बांटा गया है, जिसमें प्रमुख कंपनियों के स्टाल्स पर लाइव मशीनों और उत्पादों का प्रदर्शन होगा। एग्जिबिशन के एक हिस्से में जहां एक तरफ प्लास्टिक रॉ मटेरियल और एप्लीकेशन प्रदर्शित की जायेंगी, वहीं दूसरी तरफ प्लास्टिक उत्पाद निर्माता, रिसायकल प्लास्टिक से जुड़े उद्योग अपने उत्पादों, तकनीक और सेवाओं को प्रदर्शित करेंगे।
इसके अतिरिक्त रिसेप्शन और रजिस्ट्रेशन, विशाल पार्किंग एरिया, फूड कोर्ट, मेडिकल सेंटर, इलेक्ट्रानिक सिक्योरिटी एंड कंट्रोल कमांड सेंटर भी स्थापित किया जाएगा।
विशाल भागीदारी
2 लाख से अधिक लोग इस चार दिवसीय आयोजन में शामिल होने की उम्मीद है। इसमें मध्य प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से प्लास्टिक उद्योगपति शामिल होंगे। इस आयोजन में पार्टिसिपेंट्स के लिए प्रवेश निःशुल्क है। प्लास्टिक, पैकेजिंग, फार्मा, मेडिकल, फूड, फर्नीचर इंडस्ट्रीज से जुड़े उद्योगपति, प्रोफेशनल्स के साथ इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज के छात्र इस आयोजन में शामिल होंगे।
इनोवेशन और टेक्नोलॉजी
आयोजन में प्लास्टिक उद्योग में नवीनतम प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। प्लास्टिक के क्षेत्र में प्रदेश के साथ-साथ, देश-विदेश में अपने उत्पाद बेचने वाले ब्रांड और कंपनियों के साथ, दुनिया के कई देशों में मशीनों का निर्यात करने वाले मशीन निर्माता अपने नए उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे।
सेमिनार, परिचर्चाएं और रोजगार मेला
प्लास्टिक के नए उत्पादों और एप्लीकेशन पर शासकीय संस्था ‘सिपेट’ का विशेष सत्र, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा वर्कशॉप, बीआईएस की कार्यशाला, म. प्र. प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा प्लास्टिक एवं पर्यावरण पर परिचर्चा का आयोजन तय है। इनमें केंद्र और राज्य शासन के विभागों के प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी, विभाग प्रमुख, प्रदेश के प्रमुख उद्योगपति, टेक्निकल एक्सपर्ट, इंजीनियर, आदि शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त केंद्र शासन का एमएसएमई मंत्रालय, म. प्र. शासन का उद्योग विभाग, एमपीआईडीसी, ऊर्जा विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नॉलॉजी विभाग, इंदौर नगर पालिका निगम आदि के विशेष सत्र आयोजित करने के संबंध में बात जारी है।
पर्यावरण और सस्टेनेबिलिटी पर फोकस
आयोजन में सस्टेनेबल प्लास्टिक उत्पादों और प्रक्रियाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। तीन प्रमुख हॉल – 6, 7 और 8 के आगे के हिस्से में कुछ कंपनियों के इनोवेटिव उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें पॉंड लाइनर यानी कृत्रिम तालाब बनाने वाले मटेरियल, प्लास्टिक की क्षमता का प्रदर्शन करने वाले उत्पाद और रिसायकल प्लास्टिक से बने उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा।