प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के उप चुनावों में आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री ऐसे हैं, जो कड़े मुकाबले में फंसे हैं। इनका भविष्य उप चुनाव के नतीजों पर टिका हुआ है। नतीजे खिलाफ आए तो चुनाव लड़ने वाले मंत्रियों, पूर्व विधायकों का राजनीतिक भविष्य तो संकट में आएगा ही, इनके नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा पर भी आंच आएगी। हारने पर अगला टिकट तक संकट में पड़ सकता है, फिर भाजपा के जमे-जमाए नेता दावेदार के तौर पर सामने होंगे। इसलिए कड़े मुकाबले में फंसे मंत्रियों की सीटों में भाजपा ज्यादा जोर लगा रही है।
ज्योतिरादित्य ध्यान केंद्रित किए हैं और कांग्रेस भी उन्हें हराने में कोरकसर नहीं छोड़ रही है। लिहाजा, इन मंत्रियों की सीटों में मुकाबला रोचक हो गया है। नतीजों पर मंत्रियों का भविष्य टिका है और भाजपा के जमेजमाए नेताओं का भी। मंत्री हारे तो उनका भविष्य अंधकार में और जीते तो भाजपा के जमेजमाए नेताओं का। इसीलिए ये उप चुनाव दिलचस्प हैं।
चंबल- ग्वालियर अंचल की चार सीटों पर नजर
- चंबल-ग्वालियर अचंल की 16 विधानसभा सीटों के लिए उप चुनाव हो रहे हैं। इनमें 8 सीटों से सरकार के मंत्री मैदान में हैं। इनमें भी चार सीटें भाजपा, ज्योतिरादित्य के लिए महत्वपूर्ण है और कांग्रेस के लिए भी। ये सीटें डबरा, ग्वालियर, सुमावली एवं बमोरी हैं। यहां से क्रमश: इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, एंदल सिंह कंसाना एवं महेंद्र सिंह सिसोदिया मैदान में हैं। कंसाना को छोड़कर ये सभी कमलनाथ सरकार में भी मंत्री थे। कांग्रेस ने इनके मुकाबले सुरेश राजे, सुनील शर्मा, अजब सिंह कुशवाह तथा कन्हैयालाल अग्रवाल को मैदान में उतारा है। कांग्रेस हर सीट में भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही है।
बुंदेलखंड की सुरखी, मालवा की सांवेर की कठिन
- बुंदेलखंड की सुरखी एवं मालवा की सांवेर सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे ताकतवर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एवं तुलसी सिलावट चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने भाजपा के नहले पर दहला जड़ते हुए सुरखी में भाजपा से विधायक रहीं पारुल साहू तथा सांवेर में भाजपा से आए प्रेमचंद गुड्डू को मैदान में उतार रखा है। गोविंद के सामने पारुल थोड़ा हल्की पड़ रही हैं लेकिन सांवेर में गुड्डू ने सिलावट की हालत खराब कर रखी है। सुरखी में गोविंद भारी हैं लेकिन महिला होने के नाते पारुल उन्हें कड़ी टक्कर दे रही हैं। दोनों सीटों के नतीजे चौंकाने वाले आ सकते हैं।
बिसाहू, डंग एवं दत्तीगांव की राह आसान नहीं
- विंध्य अंचल की अनूपपुर में मंत्री बिसाहूलाल सिंह मुश्किल में हैं तो मालवा में हरदीप सिंह डंग, सुवासरा और राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, बदनावर में। हर सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी क्रमश: विश्वनाथ सिंह अनूपपुर, राकेश पाटीदार सुवासरा तथा कमल सिंह पटेल बदनावर इन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। बिसाहूलाल अपने बयानों के कारण घिर रहे हैं तो डंग और दत्तीगांव को कांग्रेस ने जातीय समीकरणों के जरिए घेरा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व समूची भाजपा पूरी ताकत झोंक रही है लेकिन आम भाजपाईयों का समर्थन मंत्रियों को कम मिल रहा है। बहरहाल मुकाबले आम चुनाव जैसे देखने मिल रहे हैं।
@ दिनेश त्यागी