शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं।
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हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। वहीं शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। इसके पहले चरण में व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दूसरे चरण में आर्थिक के साथ पारिवारिक जीवन में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं।
तीसरे चरण में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी झेलनी पड़ती हैं। इस दौरान वाद-विवाद होने के भी ज्यादा चांस रहते हैं। लेकिन इन तीनों ही चरणों में सबसे ज्यादा कष्टदायी दूसरा चरण माना जाता है जिसे शिखर चरण भी कहते हैं। जानिए किस राशि के जातकों पर शनि साढ़े साती का सबसे कष्टदायी चरण चल रहा है।
इस राशि पर चल रहा है शनि साढ़े साती का कष्टदायी चरण:
शनि 2020 से ही मकर राशि में गोचर कर रहे हैं और अभी मकर वालों पर ही शनि साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। आपको इस चरण से मुक्ति 29 अप्रैल 2022 को मिलेगी। तब तक आपको अपने हर काम में सावधानी बरतने की जरूरत पड़ेगी। इस चरण में मकर वालों को अपने लोगों से कष्ट प्राप्त होने के प्रबल आसार दिखाई दे रहे हैं। यात्रा कष्टदायी साबित हो सकती है। धन-संपत्ति के जुड़े मामलों को लेकर परेशान हो सकते हैं। इस अवधि में किसी भी काम को पूरा करने के लिए आपको अत्याधिक मेहनत करनी पड़ेगी।
शनि साढ़े साती का प्रभाव: ऐसा नहीं है कि शनि साढ़े साती सभी के लिए कष्टदायी साबित हो। जिनकी कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं उनके लिए ये दशा किसी वरदान से कम नहीं होती। साथ ही जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, मान्यता है उन्हें भी शनि परेशान नहीं करते। कहा जाता है शनि साढ़े साती व्यक्ति को अच्छे सबक सिखाने वाली होती है। इस अवधि में शनि दंड देते हुए व्यक्ति को सही राह पर चलने का संदेश देते हैं। अमूमन मकर, कुंभ, धनु और मीन लग्न वालों के लिए शनि साढ़े साती उतनी खराब नहीं होती।
वक्री शनि के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
-शनि की महादशा से पीड़ित जातक नशे से दूर रहें।
-इस दौरान दूसरों को परेशान न करें।
-किसी का अपमान न करें।
-बुजुर्गों की सेवा और सम्मान करें।
-जरूरतमंदों की सहायता करें।
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