Mateen Ahmed Joins AAP: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। कांग्रेस पार्टी के पांच बार के विधायक मतीन अहमद ने 10 नवंबर, 2024 को आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया है। मतीन अहमद का यह कदम कांग्रेस के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है, क्योंकि उनकी पकड़ दिल्ली के कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में मजबूत मानी जाती है।
इस दिग्गज मुस्लिम नेता ने थामा AAP का दामन
Senior Congress leader, 5-time MLA Chaudhary Mateen Ahmed joined AAP today in the presence of AAP National Convenor Arvind Kejriwal.
(Pics: AAP) pic.twitter.com/e5k7Sxpvg0
— ANI (@ANI) November 10, 2024
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मतीन अहमद को अपने घर बुलाकर पार्टी में शामिल कराया। इस मौके पर दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन भी उपस्थित थे। अरविंद केजरीवाल का मतीन अहमद को घर पर बुलाकर पार्टी में शामिल कराना यह संकेत देता है कि मतीन अहमद और उनके परिवार का विधानसभा चुनाव में AAP से टिकट मिलना तय है।
मतीन अहमद की राजनीतिक पृष्ठभूमि
मतीन अहमद ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 1993 में जनता दल से की थी, जब उन्होंने सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया था। इसके बाद, 1996 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की और दिल्ली विधानसभा में अपनी पहचान बनाई। मतीन अहमद की राजनीतिक कड़ी में उनका पांच बार विधायक बनने का रिकॉर्ड दर्ज है। वह दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
1993 से लेकर 2015 तक, मतीन अहमद ने दिल्ली के सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांच बार चुनाव जीतकर विधायक पद की कुर्सी पर कब्जा किया। उनका मुख्य आधार दिल्ली के मुस्लिम मतदाता रहे हैं, और उनकी राजनीतिक पकड़ दिल्ली के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में काफी मजबूत मानी जाती है। इसके अलावा, मतीन अहमद को शीला दीक्षित के मुख्यमंत्री रहते हुए दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष भी बनाया गया था।
कांग्रेस को एक और झटका
यह ध्यान देने योग्य है कि मतीन अहमद के AAP में शामिल होने से पहले भी कांग्रेस पार्टी को दिल्ली में कई बड़े नेताओं का नुकसान हुआ है। दिवाली के समय, मतीन अहमद के बेटे और कांग्रेस के बाबरपुर जिलाध्यक्ष चौधरी जुबेर और कांग्रेस पार्षद शगुफ्ता चौधरी भी आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके थे। इन घटनाओं ने कांग्रेस पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ी राजनीतिक चुनौती दे दी है।