देश में एक बार फिर कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, ऐसे में इस साल भी पिछले साल की तरह सभी त्योहारों, उत्सव, मंदिर , तीर्थ स्थलों पर लोगों के जाने पर प्रतिबंध लग गया है, इस साल पिछले वर्ष के मुकाबले नई लहर तेज़ी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है, ऐसे में केरल राज्य में जहां बहुत से विशाल मंदिर है और हजारो श्रद्धालू वहा दर्शन के लिए जाते है, लेकिन इस साल महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सबरीमाला में प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर सहित केरल के प्रमुख मंदिरों को राज्य में नौ दिनों के लिए श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया है।
बता दें कि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए और लोगों की सुरक्षा के लिए केरल के कई बड़े मंदिरो को कुछ दिन तक श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला जाएगा, साथ ही कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए केरल में शनिवार सुबह से तालाबंदी लागू कर दी गई है। मंदिरो पर कुछ दिनों के लिए श्रद्धालुओं के प्रवेश को लेकर त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड ने बीते दिन गुरुवार को कहा कि – ‘उसके प्रबंधन के तहत मंदिरों में बंद अवधि के दौरान श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए जाने की अनुमति नहीं होगी, हालांकि, दैनिक अनुष्ठान बिना किसी असफलता के आयोजित किए जाएंगे।’
साथ ही बोर्ड ने यह भी कहा कि ‘संबंधित धर्मस्थलों के प्रधान पुजारी से परामर्श के बाद अनुष्ठानों का समय सुबह 7 बजे से सुबह 10 बजे तक और शाम 5-7 बजे तक रखा जा सकता है।’ आगे उन्होंने यह भी कहा कि ‘सबरीमाला में भगवान अयप्पा मंदिर 14-19 मई से मासिक अनुष्ठानों के लिए खोला जाएगा, भक्तों को कोरोना वृद्धि और लॉकडाउन के कारण पहाड़ी मंदिर में दर्शन के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।’
लॉकडाउन में नहीं होगा किसी त्यौहार का आयोजन-
राज्य में कोरोना की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगाया गया है और आयोजनों को लेकर त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड ने यह भी कहा है कि -“किसी भी त्योहार को लॉकडाउन अवधि के दौरान आयोजित नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन अग्रिम में बुक किए गए विवाह मंदिरों के बाहर प्रतिबंधित प्रतिभागियों की संख्या और पूरी तरह से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए आयोजित किए जा सकते हैं।”