भोपाल : पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मामला हाल ही में सामने आया है। बताया जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने पर सहमति भी जताई है। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष ने भी स्वीकार कर लिया है। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल के स्थगन पर भी चर्चा की।
अभी हाल ही में कमलेश्वर पटेल ने अपनी बात रखना शुरू कर दी है। पटेल ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लागू करने में दिग्विजय सिंह सरकार ने शुरू किया। आज की सरकार अधिकार छीनने मे लगी हुई है। आरक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। जनता हमें चुनती हैं तो अपने अधिकारों के लिए चुनती हैं। इतनी जल्दी करने की सरकार को क्यों थी। आज हम यह कह सकते हैं कि महाजन आयोग की सिफारिश को दिग्विजय सिंह ने लागू किया।
कांग्रेस सरकार ने आरक्षण को देने का काम किया। मंडल आयोग का गठन तत्कालीन प्रधानमंत्री ने किया था। सरकार से हटने के बाद भी आयोग के अध्यक्ष को नहीं हटाया था। आज मप्र के सभी आयोगों मे ताला जड़ कर रखा है। आप नियम प्रक्रिया से चुनाव कराते तो लोगों को कोर्ट नहीं जाना पड़ता। चर्चा के दौरान जावरा के बीजेपी विधायक राजेंद्र पांडेय ने रतलाम के तत्कालीन जिला पंचायत उपाध्यक्ष को टिप्पणी की। विश्वास सारंग ने कहा कि जिस व्यक्ति ने याचिका दायर की है उसका नाम का भी खुलासा करे।