बरेली में जमीन घोटाले का मामला हुआ उजागर, सीएम योगी तक पहुंची जानकारी, तुरंत दिए जांच के आदेश

Author Picture
By Abhishek SinghPublished On: December 27, 2025

बरेली में तालाब, चकमार्ग और सीलिंग श्रेणी की सरकारी जमीनों पर कॉलोनियां बसाने के मामलों से हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन ने इन मामलों की जांच सदर तहसीलदार को सौंप दी है। जारी आदेश में एडीएम सिटी सौरभ दुबे ने बदायूं रोड स्थित साउथ सिटी, पीलीभीत बाइपास की हारमोनी कॉलोनी और डोहरा रोड की सुपरसिटी कॉलोनी में सीलिंग भूमि पर किए गए अवैध कब्जों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही मामले में शीघ्र जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।

दरअसल, जिला सहकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष महेश पांडेय ने 22 नवंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद 19 दिसंबर को शासन स्तर से जिलाधिकारी को मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि राजस्व कर्मियों की कथित मिलीभगत से बीडीए को फर्जी रिपोर्ट भेजकर भवन नक्शों की स्वीकृति ली गई। इसमें बदायूं रोड की साउथ सिटी, पीलीभीित बाइपास स्थित हारमोनी और डोहरा मार्ग की होराइजन सुपरसिटी के कॉलोनाइजर प्रमुख रूप से शामिल बताए गए हैं।

तथ्य छिपाकर कराए गए स्वीकृत

इन लोगों ने अपने और परिजनों के नाम पर कई फर्में व कंपनियां गठित कर रखी हैं, जिनमें केसर बिल्डटेक, कावेर इंटरप्राइजेज, प्राइम प्रॉपर्टीज और सिल्वर स्टेट प्रमुख बताई गई हैं। शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि साउथ सिटी कॉलोनी में तालाब, चकमार्ग, खाई और सीलिंग की भूमि से जुड़े तथ्यों को छिपाते हुए बीडीए से भवन नक्शों की मंजूरी हासिल की गई।

सुपरसिटी को लेकर आरोप है कि उसकी पूरी भूमि सीलिंग श्रेणी में आती है। बताया गया है कि जिस भूखंड पर सिल्वर स्टेट विकसित की गई है, वह तालाब और सीलिंग भूमि के अंतर्गत दर्ज है। वहीं, होराइजन कॉलोनी जिस जमीन पर बसाई गई है, उसके खसरा अभिलेखों में उस भूमि को जलमग्न और खाई के रूप में दर्ज बताया गया है।

एडीएम सिटी सौरभ दुबे के अनुसार, साउथ सिटी, हारमोनी और होराइजन सुपरसिटी कॉलोनियों से संबंधित भूमि अभिलेखों की जांच के लिए सदर तहसीलदार को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच में यदि निर्माण सरकारी भूमि पर पाया जाता है, तो नियमों के तहत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।