MP Weather: सर्द हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन, एमपी में शुरू हुआ ठंड का डबल अटैक, अगले दो दिन शीतलहर का अलर्ट जारी

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By Abhishek SinghPublished On: December 10, 2025
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MP Weather: मध्य प्रदेश में शीतलहर ने अपने प्रबल प्रभाव दिखाने शुरू कर दिए हैं। मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों के लिए कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है। बुधवार और गुरुवार को भोपाल, इंदौर, विदिशा, राजगढ़, शाजापुर और सीहोर में तेज शीतलहर की स्थिति रहने की संभावना जताई गई है। उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं और ऊपरी हवा में सक्रिय जेट स्ट्रीम के चलते ठंड और अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

भोपाल में रात का न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि शहडोल के कल्याणपुर में पारा गिरकर 4.7 डिग्री तक पहुंच गया, जो पूरे प्रदेश में सबसे कम रहा। इंदौर सहित 25 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया।

प्रदेश भर में तापमान में तेज गिरावट

कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में समय से पहले हुई बर्फबारी, राजस्थान के मरुस्थलीय इलाकों की ठंडी हवाएं और पंजाब–हरियाणा–दिल्ली से आती शीत बयार—तीनों दिशाओं से बह रही इन हवाओं ने पूरे प्रदेश में कड़ाके की ठंड बढ़ा दी है। स्थिति यह है कि पचमढ़ी में झीलों और तालाबों से भाप उठती नजर आई, जबकि रायसेन में फसलों पर ओस की बूंदें जमकर मोती की परत जैसी दिखाई दीं।

तेज जेट स्ट्रीम ने बढ़ाई उत्तरी मैदानी क्षेत्रों की ठंड

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों के ऊपर जेट स्ट्रीम लगभग 222 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से सक्रिय है। ज़मीन से करीब 12 किलोमीटर की ऊँचाई पर प्रवाहित होने वाली यह तेज़ धारा जब पहाड़ों से नीचे आ रही बर्फीली ठंड के साथ मिलती है, तो शीतलहर और अधिक तीव्र हो जाती है। इसका प्रभाव मध्य प्रदेश में स्पष्ट रूप से महसूस किया जा रहा है।

जनवरी में 20–22 दिन शीतलहर रहने का अनुमान

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस वर्ष ला नीना की सक्रियता बनी हुई है, जिसके कारण प्रशांत महासागर का तापमान सामान्य से कम हो गया है और ठंडी हवाएँ एशिया तथा भारत की ओर अधिक वेग से पहुँच रही हैं। इसके साथ ही पहाड़ों पर समय से पहले पड़ी बर्फबारी और लगातार सक्रिय रहने वाला पश्चिमी विक्षोभ सर्दी की अवधि को और बढ़ा रहा है। अनुमान है कि जनवरी में लगभग 20 से 22 दिनों तक शीतलहर का प्रभाव बना रह सकता है। दिन के तापमान में भी 4 से 6 डिग्री तक कमी दर्ज होने की संभावना है, जिससे कई क्षेत्रों में कोल्ड डे जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं।