अचानक गोरखपुर पहुंचे योगी आदित्यनाथ, सिक्सलेन फ्लाईओवर का किया निरिक्षण, अफसरों के सुस्त काम पर भड़के सीएम

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By Abhishek SinghPublished On: November 5, 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार शाम बिना पूर्व सूचना के गोरखपुर पहुंचे। आगमन के तुरंत बाद उनका काफिला ट्रांसपोर्ट नगर से पैडलेगंज रोड पर निर्माणाधीन सिक्सलेन फ्लाईओवर की ओर रवाना हुआ, जहां उन्होंने कार्य प्रगति का निरीक्षण किया। फ्लाईओवर के निर्माण कार्य की धीमी गति देखकर सीएम ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।



जानकारी के अनुसार, 429 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से बन रहा यह शहर का पहला सिक्सलेन फ्लाईओवर फरवरी 2023 में शुरू हुआ था, जिसे जनवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। सेतु निगम के अधिकारियों के मुताबिक, 2.6 किमी लंबे और 77 पिलरों वाले इस फ्लाईओवर का लगभग 72% कार्य अब तक पूरा हो चुका है। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहगीरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए निर्माण कार्य तेज करने के निर्देश दिए।

विकास कार्यों की तैयारी तेज करने के दिए निर्देश

नई व्यवस्था को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम के अधिकारियों को आवश्यक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए। इसके बाद मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री ने जगेसर पासी चौराहा से हड़हवा फाटक होते हुए एचएन सिंह चौक तक बन रही टू-लेन/फोर-लेन सड़क का चार स्थानों पर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीएम ने कहा कि लोक निर्माण विभाग (PWD) और नगर निगम आपसी समन्वय के साथ कार्य करें और जनता की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने सख्त चेतावनी दी कि कार्य की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

सीएम ने विरासत गलियारा निर्माण की प्रगति का किया निरीक्षण

सिक्सलेन फ्लाईओवर के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विरासत गलियारा परियोजना स्थल पहुंचे और वहां चल रहे निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को कार्य की गति बढ़ाने और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। सीएम ने स्पष्ट किया कि विरासत गलियारा के निर्माण से किसी भी दुकानदार के हितों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। जिन दुकानदारों की पूरी दुकान परियोजना की सीमा में आ रही है या जिनकी दुकानें अत्यधिक छोटी हो गई हैं, उन्हें नए कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में वैकल्पिक दुकानें उपलब्ध कराई जाएंगी।