लोहिया विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सीएम योगी ने भरी नई ऊर्जा, विद्यार्थियों को दिया कानून के जरिये समाज को दिशा का संदेश

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By Abhishek SinghPublished On: November 4, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुए। समारोह का माहौल उत्साह और गर्व से सराबोर रहा, जहाँ प्रदेश के भावी विधिवेत्ताओं ने अपनी कड़ी मेहनत का प्रतिफल प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह केवल डिग्री हासिल करने का अवसर नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का आरंभ करने का क्षण है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी न्याय व्यवस्था को अधिक सशक्त और प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। विश्वविद्यालय के दीक्षा मंत्र “सत्यं वद्, धर्मं चर” (सत्य बोलो, धर्म का आचरण करो) का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यही भारत की प्राचीन गुरुकुल परंपरा की मूल आत्मा है। यही भावना हमारे संविधान, संसद और न्यायपालिका के आदर्श वाक्यों — “धर्मो रक्षति रक्षितः” और “यतो धर्मस्य ततो जयः” — में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

सत्य, धर्म और निष्ठा के मार्ग पर चलें युवा

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के समापन में कहा कि देश की न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे सदैव सत्य, धर्म और निष्ठा के मार्ग पर अग्रसर रहें — यही वास्तविक शिक्षा और दीक्षा का सार है। मुख्यमंत्री ने सभी स्नातकों से आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान, ईमानदारी और समर्पण के माध्यम से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करें तथा भारत को एक न्यायपूर्ण और आदर्श राष्ट्र बनाने में सक्रिय योगदान दें।

कर्तव्यनिष्ठा ही सच्चे धर्म का आधार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि न्याय व्यवस्था जितनी सुदृढ़ होगी, शासन तंत्र उतना ही प्रभावी और पारदर्शी बनेगा। उन्होंने बताया कि धर्म केवल आस्था तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की एक अनुशासित पद्धति है। अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और निष्ठा से निर्वहन करना ही सच्चे धर्म का स्वरूप है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे इसी भावना के साथ देश और समाज की सेवा में योगदान दें। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल का रामराज्य न्याय, समानता और सुशासन का प्रतीक था, और आज की लोकतांत्रिक प्रणाली में भी उसी आदर्श को अपनाकर समाज में न्यायपूर्ण व्यवस्था स्थापित की जा सकती है।