आस्था, श्रद्धा और पवित्रता के प्रतीक चार दिवसीय छठ महापर्व का तीसरा दिन आज उत्साह और भक्ति के वातावरण में मनाया जा रहा है। खरना के पश्चात आरंभ हुए 36 घंटे के निर्जला व्रत के उपरांत मालवांचल में रहने वाले हजारों पूर्वांचलवासी श्रद्धालु आज शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे और अपने परिवार के सुख, समृद्धि व कल्याण की प्रार्थना करेंगे।
इस वर्ष शहर में छठ पर्व पहले से कहीं अधिक भव्यता और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। विजय नगर, टिगरिया बादशाह, स्कीम नंबर 78, कैट रोड स्थित सूर्य मंदिर, तुलसी नगर, निपानिया का समर पार्क, पिपलियाहना तालाब, सिलिकॉन सिटी, शंखेश्वर सिटी, वेंकटेश नगर, श्याम नगर एनेक्स, एरोड्रम रोड, अन्नपूर्णा तालाब, सुखलिया, शिप्रा और देवास नाका सहित लगभग 200 स्थानों पर सामूहिक छठ पूजा के आयोजन किए गए हैं।
अब पूरे भारत का उत्सव बना छठ पर्व
पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह और महासचिव के.के. झा ने बताया कि बिहार में चुनावी माहौल होने के बावजूद इंदौर में हजारों श्रद्धालु अपने परिवारों संग पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ छठ महापर्व मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि छठ अब केवल पूर्वांचल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह पूरे भारत की एकता और जन-आस्था का प्रतीक पर्व बन गया है।
पुरुषों ने संभाली प्रसाद और सामग्री की खरीदारी
सुबह से ही छठ व्रतियों के घरों में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। महिलाएं घरों की सफाई-सजावट और पूजा सामग्री की तैयारी में व्यस्त रहीं, जबकि पुरुष प्रसाद हेतु फल और अन्य सामग्री की खरीदारी में लगे रहे। कैट रोड स्थित श्री सूर्य मंदिर में छठ पूजा की व्यवस्थाओं का जायजा स्थानीय पार्षद एवं जोन अध्यक्ष प्रशांत बड़वे ने लिया। इस दौरान समिति के अध्यक्ष मुनेश्वर प्रसाद समेत बड़ी संख्या में छठ पूजा समिति के सदस्य मौजूद रहे।









