एमपी में फिर एक्टिव हुआ सिस्टम, इन 12 जिलों में होगी मूसलाधार बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट

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By Pinal PatidarPublished On: October 24, 2025

मध्यप्रदेश में एक बार फिर बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते 24 घंटों के दौरान धार, सतना, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी और नर्मदापुरम सहित नौ जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई। वहीं, भोपाल समेत कई इलाकों में पूरे दिन बादल छाए रहे, जिससे मौसम सुहावना बना रहा। मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण भारत के ऊपर सक्रिय एक निम्न दाब क्षेत्र (Low Pressure Area) का असर अब मध्यप्रदेश में भी दिखने लगा है। यह सिस्टम दक्षिण-पूर्व अरब सागर से आगे बढ़ते हुए उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बढ़ रहा है और अगले 24 घंटों में इसका प्रभाव और तेज़ हो जाएगा।

किन जिलों में होगी बारिश


मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि शुक्रवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। वहीं, पिछले 24 घंटों में अशोकनगर, छतरपुर, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, सतना, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी और धार जिलों में वर्षा दर्ज की गई है। इसके साथ ही, कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी देखने को मिली। विभाग का अनुमान है कि 25 से 27 अक्टूबर के बीच मध्यप्रदेश के आधे से अधिक हिस्सों में बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं आंधी के साथ हल्की वर्षा भी हो सकती है।

भोपाल में बादलों ने घेरा, गिरा तापमान

राजधानी भोपाल में गुरुवार को सूरज की जगह बादलों ने आसमान पर डेरा डाल लिया। दिनभर छाए बादलों के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई। भोपाल का अधिकतम तापमान 31.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से करीब एक डिग्री कम है। इंदौर में तापमान 32 डिग्री, उज्जैन में 34, ग्वालियर में 33.8 और जबलपुर में 31.9 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं बैतूल, गुना, खंडवा, शिवपुरी, दमोह, रीवा, सतना, सीधी और उमरिया में भी तापमान सामान्य से कम रहा। हालांकि, रात के तापमान में अब भी ज्यादा गिरावट नहीं आई है, इसलिए फिलहाल ठंड का अहसास सीमित ही है।

नवंबर से दस्तक देगी सर्दी, फरवरी तक रहेगा असर

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इस साल ठंड सामान्य से ज्यादा कड़ाके की हो सकती है। नवंबर के पहले सप्ताह से ही तापमान में उल्लेखनीय गिरावट आने की संभावना जताई गई है, जो जनवरी के अंत तक जारी रहेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि फरवरी तक भी ठंड का असर महसूस किया जा सकेगा। इस बार पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) अधिक सक्रिय रहने वाले हैं, जिससे ठंड के साथ बारिश के दौर भी बढ़ सकते हैं। मौसम विज्ञानी मानते हैं कि 2010 के बाद यह सर्दी सबसे ठंडी साबित हो सकती है। इसके अलावा, आईएमडी ने “ला-नीना” (La-Niña) की स्थितियों की पुष्टि की है, जो ठंड को और लंबा खींच सकती हैं।

मानसून ने विदाई ली, लेकिन ‘हैप्पी एंडिंग’ रही

मध्यप्रदेश से इस साल का दक्षिण-पश्चिम मानसून आधिकारिक रूप से 13 अक्टूबर को विदा हो गया। इस बार मानसून ने 16 जून को दस्तक दी थी और करीब 3 महीने 28 दिन तक सक्रिय रहा। मानसून की विदाई के बावजूद कई जगहों पर बारिश का दौर अब भी जारी है। इस साल मानसून की विदाई को मौसम वैज्ञानिकों ने “हैप्पी एंडिंग” बताया, क्योंकि अधिकांश जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई।

बारिश के आंकड़े: किसे मिली राहत, कहां कमी रही

राज्य के 30 जिलों जिनमें भोपाल और ग्वालियर भी शामिल हैं  में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में हुई, जहां 65.7 इंच पानी गिरा। वहीं, श्योपुर जिले में 216% वर्षा का रिकॉर्ड बना, जिसने पिछले कई सालों के आंकड़े तोड़ दिए। इसके उलट, शाजापुर जिले में सबसे कम 28.9 इंच (81%) बारिश दर्ज हुई, जिसे बारिश की कमी वाले जिलों में गिना गया।