अब पटवारी अपने काम के लिए सिर्फ स्मार्ट एप्लीकेशन फॉर रेवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन (SARA) पोर्टल तक ही सीमित नहीं रहेंगे। जमीन से जुड़े लगभग 19 तरह के मामलों को अब इसी पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जोड़ा गया है, जिससे डेटा के आधार पर तुरंत रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी। साथ ही पोर्टल में सिटीजन इंटरफेस भी जोड़ा गया है। इसके माध्यम से आम नागरिक पीएम-किसान की स्थिति, खसरा विवरण और अन्य सार्वजनिक रिपोर्टें सीधे देख सकते हैं।
पोर्टल से खसरे की पूरी जानकारी
जमीन से जुड़े विवाद, सीमांकन, नामांकन और इसी तरह के अन्य मामलों में पटवारियों को अब केवल पोर्टल पर लॉगिन करना होगा। एक क्लिक पर खसरे से जुड़ी जानकारी नक्शे सहित तुरंत उपलब्ध हो जाएगी। यहीं पर खसरे का अपडेटेशन भी किया जा सकेगा। नए बदलावों के बाद यह पोर्टल पूरी तरह से नागरिक-केंद्रित सेवाओं से जुड़ गया है, जिससे आम लोगों को जमीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी।
डिजिटल सुविधाओं का समावेश
पोर्टल में अब विलेज लेवल जियो-फेंस के तहत नक्शा भी दिखेगा। इसके अलावा डिजिटल क्रॉप सर्वे जैसी सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं। मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना, पीएम-किसान, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना जैसी प्रमुख योजनाओं का डैशबोर्ड और हितग्राही की स्थिति भी अब पोर्टल पर देखी जा सकती है। इसके अलावा नवीनतम अपडेट भी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे।
पटवारियों के लिए सुविधाएं
अब पटवारियों को कागज साथ रखने की जरूरत नहीं होगी। सारे काम मोबाइल एप्लीकेशन या पोर्टल से ही पूरे होंगे। राजस्व और जमीन से जुड़े सभी विवरण डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे, जिससे कार्यक्षमता और पारदर्शिता दोनों बढ़ेंगी।
प्रशासनिक कार्य में सुधार और आमजन को लाभ
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह के अनुसार, सारा पोर्टल में हुए बदलाव सिर्फ प्रशासनिक कार्यक्षमता नहीं बढ़ाएंगे, बल्कि आम नागरिक को शासन की योजनाओं का लाभ और जमीन से जुड़े प्रकरणों का तेजी से निपटान भी सुनिश्चित करेंगे। नागरिक और अधिकारी दोनों के लिए यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा और उपयोगी प्रयास माना जा रहा है।