ज्योतिष शास्त्र में यह माना जाता है कि हमारे जीवन पर नौ ग्रहों का गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि ग्रह शुभ स्थिति में हों तो व्यक्ति को सफलता, समृद्धि और उन्नति प्राप्त होती है, लेकिन अशुभ स्थिति जीवन में कठिनाइयाँ और रुकावटें ला सकती है। यही कारण है कि ग्रहों को शांत करने और उनके सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के लिए रत्न धारण करने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। नवरत्न विशेष रूप से नौ ग्रहों से जुड़े माने गए हैं और इन्हीं में से एक है पन्ना (Emerald), जिसे बेहद चमत्कारी रत्न कहा गया है।
पन्ना और बुध ग्रह का संबंध
पन्ना रत्न का सीधा संबंध बुध ग्रह से माना जाता है। बुध ग्रह व्यक्ति की बुद्धिमत्ता, तर्कशक्ति, वाणी और संवाद कला को नियंत्रित करता है। यही कारण है कि पन्ना धारण करने वाले व्यक्ति की सोचने और समझने की क्षमता तेज होती है। ज्योतिष के अनुसार बुध, कन्या और मिथुन राशि का स्वामी ग्रह है, इसलिए इस रत्न का इन राशियों पर विशेष प्रभाव देखा जाता है।
किन लोगों के लिए शुभ है पन्ना
पन्ना रत्न विशेष रूप से कन्या और मिथुन राशि के जातकों के लिए लाभकारी माना गया है। यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में बुध पंचम, नवम या लग्न भाव में स्थित हो तो भी इस रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, यदि बुध ग्रह नीच का हो या कमजोर स्थिति में हो तो पन्ना धारण करने से बचना चाहिए। साथ ही, इसे पहनते समय मूंगा (Coral) धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि यह दोनों रत्न एक-दूसरे के विपरीत प्रभाव डालते हैं।
पन्ना पहनने से मिलने वाले लाभ
- पन्ना धारण करने से व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं।
- यह संवाद क्षमता को मजबूत करता है और कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर बनाता है।
- करियर और कारोबार में सफलता दिलाता है और आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है।
- संगीत, मीडिया, गणित, शिक्षा और फिल्म जगत से जुड़े लोगों के लिए यह रत्न बेहद शुभ सिद्ध होता है।
- त्वचा संबंधी रोगों में लाभकारी माना जाता है और स्वास्थ्य में सुधार करता है।
- धन लाभ और आत्मविश्वास की वृद्धि कराने वाला यह रत्न व्यक्ति को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
पन्ना धारण करने का सही तरीका
- पन्ना रत्न को धारण करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है ताकि इसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
- यह कम से कम सवा सात रत्ती का होना चाहिए।
- पन्ना धारण करने का सबसे शुभ दिन बुधवार माना गया है।
- इसे सोने की अंगूठी में जड़वाकर हाथ की कनिष्ठा (सबसे छोटी उंगली) में धारण करना चाहिए।
- पहनने से पहले पन्ना को गंगाजल, दूध, शहद और मिश्री के मिश्रण में रातभर डुबोकर रखना चाहिए। अगली सुबह शुद्धिकरण के बाद इसे धारण करने से इसका शुभ प्रभाव मिलता है।
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