अगर कुंडली में राहु कमजोर है, तो करें ये आसान उपाय, जीवन में आएगी पॉजिटिविटी

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By Swati BisenPublished On: June 24, 2025
Rahu Dasha Upay

राहु, जिसे वैदिक ज्योतिष में एक छाया ग्रह माना गया है, यदि कुंडली में अशुभ या दुर्बल हो, तो जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह ग्रह भ्रम, अनिश्चितता, भय, अनिद्रा, मानसिक तनाव, रिश्तों में खटास और अचानक घटने वाली घटनाओं का कारण बनता है।


राहु का स्वभाव रहस्यमयी और अप्रत्याशित होता है, इसलिए यह जीवन में बिना पूर्व चेतावनी के असंतुलन ला सकता है। हालांकि, धार्मिक शास्त्रों में राहु को शांत और संतुलित करने के लिए कुछ प्रभावशाली और सरल उपाय बताए गए हैं। आइए जानें इन उपायों के बारे में विस्तार से…

राहु को प्रसन्न करने का सबसे शक्तिशाली उपाय

राहु के प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन उसके मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर किसी शांत स्थान पर बैठें और कम से कम 108 बार “ॐ रां राहवे नमः” या वैदिक मंत्र “ॐ कया नश्चित्र आ भुवदूती सदावृधः सखा। कया शचिष्ठया वृता॥” का जाप करें। इस जाप में रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना विशेष फलदायी होता है। यह साधना बुधवार या शनिवार के दिन प्रारंभ करना शुभ माना जाता है। नियमित मंत्र जाप से राहु के दुष्प्रभाव धीरे-धीरे कम होते हैं और मानसिक शांति मिलती है।

नकारात्मक ऊर्जा का समाधान

घर के पूजा स्थान में राहु यंत्र स्थापित कर उसका विधिपूर्वक पूजन करना भी राहु को नियंत्रित करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। रोज़ इस यंत्र पर धूप-दीप अर्पित करें और राहु मंत्रों का जाप करें। यंत्र की ऊर्जा राहु की नकारात्मकता को संतुलित करती है और जीवन में स्थिरता लाने में सहायता करती है।

शनिदेव और राहु को संतुष्ट करने का सरल उपाय

शनिवार के दिन राहु से जुड़ी वस्तुएं जैसे काले तिल, काले उड़द, सरसों का तेल, नीला या काला कपड़ा, कंबल, कोयला, सीसा आदि का दान करने से राहु के दोषों में कमी आती है। ये वस्तुएं किसी गरीब, सफाईकर्मी या कुष्ठ रोगी को दें। यह न केवल राहु को शांत करता है, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाता है।

शिव, भैरव और सरस्वती से कृपा प्राप्त करें

भगवान शिव को राहु का अधिदेवता माना गया है। सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। साथ ही, काल भैरव की आराधना भी राहु के कुप्रभाव को दूर करने में मदद करती है। भैरव मंदिर में रविवार या मंगलवार को दीपक जलाकर पूजन करें। चूंकि राहु भ्रम उत्पन्न करता है, इसलिए बुद्धि और ज्ञान की देवी सरस्वती की आराधना से मानसिक स्पष्टता आती है और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।

गोमेद रत्न धारण करना

राहु का प्रतिनिधि रत्न ‘गोमेद’ (Hessonite) होता है, जिसे धारण करने से राहु की स्थिति मजबूत होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। लेकिन यह रत्न सभी के लिए उपयुक्त नहीं होता। इसलिए इसे पहनने से पहले किसी अनुभवी और विश्वसनीय ज्योतिषी से कुंडली का विश्लेषण कराना आवश्यक है। यदि गोमेद आपके लिए अनुकूल हो, तो इसे चांदी की अंगूठी में जड़वाकर शनिवार के दिन मध्यमा (मिडल फिंगर) में धारण करें।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।