अब सेल्फी से तय होगी सैलरी, राज्य सरकार ने जारी किया शिक्षकों के लिए नया फरमान, जानिए पूरा मामला

मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 1 जुलाई से सेल्फी आधारित हाजिरी व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। अब शिक्षक को स्कूल आने और छुट्टी के समय छात्रों के साथ सेल्फी लेकर शिक्षा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।

Abhishek Singh
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अक्सर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को लेकर यह शिकायत सामने आती रही है कि वे समय पर स्कूल नहीं पहुंचते, पढ़ाई में लापरवाही बरतते हैं और बिना काम किए वेतन उठा लेते हैं। लेकिन अब ऐसे शिक्षकों के लिए सख्ती शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत शिक्षकों को स्कूल पहुंचते ही अपनी सेल्फी लेकर विभागीय पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। जो शिक्षक इस निर्देश का पालन नहीं करेगा, उसकी सैलरी रोकी जा सकती है।

नए नियमों की शुरुआत 1 जुलाई से

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लागू की जा रही नई व्यवस्था 1 जुलाई से अनिवार्य रूप से प्रभाव में आ जाएगी। इस प्रणाली की मॉनिटरिंग ‘शिक्षा पोर्टल 3.0’ के माध्यम से की जाएगी। नए नियमों के तहत शिक्षक अपनी उपस्थिति मोबाइल के जरिये दर्ज कर सकेंगे। प्रत्येक दिन शिक्षकों को स्कूल खुलने के एक घंटे के भीतर हाजिरी लगानी होगी, जबकि छुट्टी के समय के आधे घंटे बाद तक भी उपस्थिति दर्ज कराई जा सकेगी।

हाजिरी के लिए अब बच्चों संग सेल्फी जरूरी

राज्य में शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने ‘हमारे शिक्षक’ प्रणाली में ई-गवर्नेंस के तहत बदलाव किए हैं। अब शिक्षकों को उपस्थिति दर्ज कराने के लिए विद्यार्थियों के साथ सेल्फी लेकर उसे पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। इस प्रक्रिया से न केवल उपस्थिति दर्ज होगी, बल्कि शिक्षक की लोकेशन भी स्वतः रिकॉर्ड हो जाएगी। शिक्षकों को प्रतिदिन दो बार—एक बार स्कूल आने पर और दूसरी बार स्कूल से जाने के समय—सेल्फी लेनी होगी।

लेट-लतीफी पर लगेगा ब्रेक, अब समय की सख्ती

स्कूल के तय समय से देर से पहुंचने वाले शिक्षकों को अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। समय पर न पहुंचने की स्थिति में उनके नाम आधे दिन का आकस्मिक अवकाश दर्ज किया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत शिक्षकों के कुल 13 आकस्मिक अवकाश और 3 ऐच्छिक अवकाश को एक साथ जोड़ा जाएगा।