एमपी के इस शहर में बनेगा ग्रीन जोन हब, सिटी ग्रीन एंड अर्बन फॉरेस्ट का होगा विकास, लगाएं जाएंगे पांच लाख से अधिक पौधे

ग्वालियर नगर निगम ने 84.79 एकड़ भूमि पर पाँच लाख से अधिक पौधे लगाकर "सिटी ग्रीन एंड अर्बन फॉरेस्ट" विकसित करने की योजना बनाई है। यह कार्य केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत किया जाएगा, जिसके तहत 25 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलने की उम्मीद है।

Srashti Bisen
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ग्वालियर नगर निगम ने घटते भूजल स्तर और बढ़ती गर्मी को देखते हुए शहर को अधिक हरा-भरा और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। नगर निगम ने 84.79 एकड़ भूमि को चिन्हित करते हुए वहां पांच लाख से अधिक पौधे लगाने की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत चयनित क्षेत्रों को “सिटी ग्रीन एंड अर्बन फॉरेस्ट” के रूप में विकसित किया जाएगा।

नगर निगम आयुक्त संघप्रिय द्वारा यह प्रस्ताव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल को भेजा गया है, जो वहां से परीक्षण के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद ग्वालियर नगर निगम को इस योजना के अंतर्गत 25 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी।

ये हैं चिन्हित स्थल, जहां होगा हरित विकास

नगर निगम ने ग्वालियर के पांच प्रमुख स्थलों को इस योजना के अंतर्गत चयनित किया है:

  • कैप्टन हिल, डोंगरपुर (पुतलीघर रोड) : सर्वे क्रमांक 339, 336/2 और 337 पर कुल 6.79 एकड़ भूमि में पौधरोपण किया जाएगा।
  • हरी पर्वत (हरी आनंद वन), अलापुर : सर्वे क्रमांक 102 और 125 में 15 एकड़ भूमि पर हरियाली विकसित की जाएगी।
  • मानपुर गिर्द : सर्वे क्रमांक 464, 469, 743 आदि सहित कुल 50 एकड़ भूमि में हरित क्षेत्र तैयार होगा।
  • जडेरूआ खुर्द (थीम पार्क के पीछे) : सर्वे क्रमांक 202 से 308 तक फैली हुई 8 एकड़ भूमि में पौधारोपण किया जाएगा।
  • ग्राम बरा : सर्वे क्रमांक 681 और 668 में 5 एकड़ भूमि को हरित क्षेत्र में परिवर्तित किया जाएगा।

इन सभी स्थलों पर पर्यावरण की दृष्टि से उपयोगी और स्थानीय जलवायु के अनुकूल पौधे लगाए जाएंगे।

लगेंगे नीम, आम, शीशम और अन्य फल-छायादार पौधे

इस हरित क्षेत्र योजना के अंतर्गत नीम, शीशम, आम, अमरूद, गूलर, जामुन, बबूल, कचनार, कदम, करोंदा, अशोक, बरगद, बेल, बेर, चितवन, कटहल, कीनू, नींबू, गोलमोर, अमलतास जैसे छायादार, फलदार और औषधीय पौधों का रोपण किया जाएगा। इन पौधों का चयन इस तरह से किया गया है जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ जैव विविधता को भी बढ़ावा मिले।

केंद्र की योजना के अंतर्गत मिलेगा 25 करोड़ का प्रोत्साहन

यह परियोजना केंद्र सरकार की “Scheme for Special Assistance to States for Capital Investment 2025-26” के अंतर्गत लाई जा रही है। इस योजना में यदि कोई नगर निगम पांच स्थानों पर कुल 50 एकड़ भूमि को दिसंबर 2025 तक हरित क्षेत्र में परिवर्तित कर देता है, तो उसे केंद्र सरकार की ओर से 25 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। ग्वालियर नगर निगम इस शर्त को पूरा करने के लिए निर्धारित समयसीमा में काम शुरू करेगा।

प्रस्ताव के परीक्षण के बाद मिलेगा कार्य आरंभ का संकेत

फिलहाल, ग्वालियर नगर निगम ने योजना का प्रस्ताव भोपाल स्थित नगरीय प्रशासन विभाग को भेज दिया है। वहां से परीक्षण के उपरांत इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसके बाद केंद्र से निरीक्षण टीम आएगी जो चयनित स्थानों का दौरा कर उनकी उपयुक्तता की जांच करेगी। यदि सब कुछ योजना अनुसार रहा, तो केंद्र से स्वीकृति के साथ 25 करोड़ की प्रोत्साहन राशि मिलेगी, जिसके बाद पौधारोपण और विकास कार्य शुरू हो सकेंगे।

हरियाली के साथ मिलेगा पर्यावरण और जल संरक्षण का लाभ

यह योजना केवल सौंदर्यकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से भूजल स्तर को बढ़ाने, प्रदूषण को कम करने और स्थानीय जलवायु को संतुलित करने में भी मदद मिलेगी। यह प्रयास ग्वालियर को एक हरित, स्वच्छ और टिकाऊ शहर के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।