मध्यप्रदेश में सड़क विकास कार्यों को तेजी से गति दी जा रही है। राज्य के कई जिलों में रोड निर्माण कार्य प्रगति पर है और अब झाबुआ जिले को भी लोक निर्माण विभाग (PWD) की ओर से दो महत्वपूर्ण सड़कों का तोहफा मिला है। हाल ही में हुई वित्तीय लेखा व्यय समिति की बैठक में इन दोनों परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत कुल 139 करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है।
यह स्वीकृति वित्तीय समिति की बैठक के बाद दी गई, जिसमें लिए गए निर्णयों के आधार पर करीब ढाई महीने बाद आधिकारिक स्वीकृति पत्र जारी किए गए। जिन दो सड़कों को इस योजना में शामिल किया गया है, वे हैं रायपुरिया-जामली-सारंगी-करवड़ मार्ग और मोहनपुरा-धतूरिया-झकनावदा-टिमायची मार्ग। इन दोनों सड़कों की मौजूदा चौड़ाई सिंगल पट्टी है, जिन्हें अब सात मीटर चौड़ा किया जाएगा।

पेटलावद क्षेत्र को मिली विशेष प्राथमिकता
उल्लेखनीय है कि ये दोनों सड़कें झाबुआ जिले के पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में आती हैं, जो कि प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया का निर्वाचन क्षेत्र भी है। इससे इस क्षेत्र में यातायात और कनेक्टिविटी को नई दिशा मिलेगी। PWD के ईई आरिफ अहमद गौरी के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया अगले एक महीने में पूरी कर ली जाएगी और निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ होगा।
उज्जैन सिंहस्थ को ध्यान में रखकर तैयार की जा रहीं सड़कें
इन दोनों सड़कों का निर्माण सिर्फ क्षेत्रीय विकास नहीं बल्कि वर्ष 2028 में उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। प्रयागराज महाकुंभ में यातायात व्यवस्था की चुनौतियों को देखते हुए, इस बार उज्जैन पहुंचने के सभी वैकल्पिक मार्गों को पहले से ही मजबूत करने की योजना बनाई गई है। ये सड़कें झाबुआ, आलीराजपुर, धार तथा गुजरात के कुछ हिस्सों से उज्जैन जाने वाले श्रद्धालुओं को वैकल्पिक और सुगम मार्ग प्रदान करेंगी।
क्या है दोनों परियोजनाओं की लागत और लंबाई
दोनों सड़कों के लिए निर्धारित राशि और दूरी इस प्रकार है:
- रायपुरिया-जामली-सारंगी-करवड़ मार्ग: कुल लंबाई 23.70 किलोमीटर, लागत 51.0880 करोड़ रुपए।
- मोहनपुरा-धतूरिया-झकनावदा-टिमायची मार्ग: कुल लंबाई 40.10 किलोमीटर, लागत 88.1953 करोड़ रुपए।
अन्य घोषणाओं पर नहीं मिली स्वीकृति
हालांकि 2023 के अनुपूरक बजट में झाबुआ जिले में दो और सड़कों की भी घोषणा की गई थी, मेघनगर-मदरानी-मोरझरी रोड (33.84 करोड़ रुपए) और राजगढ़-पारा रोड से लेकर राणापुर-कुंदनपुर-पिटोल रोड (119 करोड़ रुपए)। इनमें से केवल मेघनगर रोड को ही स्वीकृति मिल सकी थी क्योंकि उस समय समिति को केवल 100 करोड़ रुपए तक के प्रस्ताव पास करने का अधिकार था। अब समिति की सीमा बढ़ाकर 200 करोड़ रुपए कर दी गई है, इसके बावजूद भी पिटोल रोड को इस बार की सूची में शामिल नहीं किया गया।
महत्वपूर्ण पिटोल रोड अभी भी प्रतीक्षा में
राजगढ़ से पिटोल तक जाने वाला मार्ग बेहद व्यस्त और भारी ट्रैफिक वाला है। यह सड़क भी सिंगल पट्टी है और इसे चौड़ा करने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब तक इसकी स्वीकृति नहीं मिली है। यह मार्ग धार जिले की सीमा से होते हुए झाबुआ के कई गांवों से गुजरता है और परिवहन के लिहाज से अति आवश्यक माना जा रहा है। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों को उम्मीद है कि इसे जल्द ही आगामी सूची में शामिल किया जाएगा।