घर का लिविंग रूम यानी ड्रॉइंग रूम, पूरे घर की ऊर्जा का केंद्र होता है। यह केवल एक आम कमरा नहीं, बल्कि वह खास स्थान होता है जो पूरे घर की छवि को दर्शाता है। इसीलिए, इसे वास्तु के नियमों के अनुसार सजाना बहुत जरूरी होता है।
लिविंग रूम की बनावट, वहां रखा फर्नीचर, इस्तेमाल किए गए रंग, पौधे और सजावटी चीज़ें ये सभी मिलकर घर के वातावरण को सकारात्मक या नकारात्मक बना सकते हैं। अगर इसे वास्तु सिद्धांतों के अनुरूप सजाया जाए, तो न केवल यह जगह शांतिपूर्ण और ऊर्जा से भरपूर बनेगी, बल्कि यह घर में सुख-समृद्धि और अच्छे अवसरों को भी आकर्षित करेगी।

मुख्य द्वार
अगर आपके लिविंग रूम का प्रवेश सीधे मुख्य द्वार से होता है, तो इसे बेहद सजगता से सजाना चाहिए। दरवाजे के पास पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए, साथ ही धार्मिक प्रतीकों और फूलों के तोरण से इसका स्वागत होना चाहिए। घर के मुखिया का नाम स्पष्ट रूप से नेमप्लेट पर अंकित होना चाहिए। लिविंग रूम में प्रवेश करते ही जूतों की अलमारी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मकता का प्रवेश द्वार बन सकता है।
दिशा निर्धारण
वास्तुशास्त्र के अनुसार, लिविंग रूम का स्थान यदि उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में हो तो यह ऊर्जा के प्रवाह के लिए अनुकूल होता है। अगर इसी क्षेत्र में पूजा घर रखना हो, तो उसे उत्तर-पूर्व में ही स्थापित करें। वहीं, डायनिंग एरिया को लिविंग रूम के पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
फर्नीचर की सजावट
लिविंग रूम में भारी फर्नीचर, जैसे कि सोफा, को पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें। अगर दीवार की ओर रखना हो तो उत्तर या पूर्व की दीवार के सामने रखना बेहतर होता है। टीवी को दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाना उचित रहता है। लकड़ी के फर्नीचर को प्राथमिकता दें और कोशिश करें कि उसका डिज़ाइन सरल हो, गोल या अजीब आकार से बचें।
रंगों का चयन
लिविंग रूम की दीवारों के लिए हल्के और सौम्य रंग जैसे क्रीम, बेज, सफेद या हल्का गुलाबी सबसे उपयुक्त होते हैं। ये रंग मानसिक शांति और सकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं। सुनहरा और हल्का पीला रंग भी शुभ होते हैं, लेकिन लाल और काले रंग का प्रयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मकता को आकर्षित कर सकते हैं।
सजावट में संतुलन
लिविंग रूम को हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखना चाहिए। अनावश्यक वस्तुओं का जमाव घर की ऊर्जा को अवरुद्ध करता है। यहां केवल वे चीजें रखें जो या तो सुंदर हों या उपयोगी। सजावट में भी सादगी और संतुलन होना चाहिए। साथ ही, कैक्टस और बोनसाई जैसे पौधों से परहेज़ करें, क्योंकि इन्हें वास्तु के अनुसार अशुभ माना जाता है।
Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।