MP के इस शहर में 60 करोड़ की लागत से बनेगा केबल स्टे ब्रिज, NOC मिलते ही शुरू हो जाएगा काम

भोपाल में मनीषा मार्केट से चूनाभट्टी तक 60 करोड़ की लागत से 1.20 किमी लंबा नया केबल स्टे ब्रिज बनेगा, जिससे कोलार और अन्य क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

Srashti Bisen
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MP News : भोपाल शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को और बेहतर बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। मनीषा मार्केट चौराहा से लेकर बंसल हॉस्पिटल के पास से होते हुए चूनाभट्टी स्थित काली मंदिर तक एक नया केबल स्टे ब्रिज बनाया जाएगा। यह ब्रिज करीब 1.20 किलोमीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ा होगा। इस परियोजना पर कुल 60 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

यह ब्रिज शहर में बनने वाला तीसरा केबल स्टे ब्रिज होगा। अभी बड़े तालाब पर एक केबल ब्रिज और छोटे तालाब पर आर्च ब्रिज पहले से मौजूद हैं। शाहपुरा तालाब पर बनने वाला यह ब्रिज न सिर्फ मनीषा मार्केट और चूनाभट्टी को जोड़ेगा, बल्कि कोलार, अरेरा हिल्स, माता मंदिर, नेहरू नगर जैसे इलाकों को भी सीधी कनेक्टिविटी देगा।

NOC मिलते ही काम हो जाएगा शुरू

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार हो चुकी है। अब लोक निर्माण विभाग (PWD) को केंद्रीय वेटलैंड अथॉरिटी से एनओसी की प्रतीक्षा है। जैसे ही मंजूरी मिलेगी, काम को तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। पीडब्ल्यूडी के सीई संजय मस्के ने कहा, “हम जल्द ही केबल स्टे ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू करेंगे, कुछ जरूरी अनुमतियां और एनओसी की प्रक्रिया चल रही है।”

देवी अहिल्या तिराहा से सीआई तिराहा तक बन रही है 4 लेन सड़क

शहर में एक ओर जहां नए ब्रिज की तैयारी है, वहीं लोक निर्माण विभाग (PWD) देवी अहिल्या तिराहा से लेकर सीआई तिराहा कोलार रोड तक चार लेन सीसी रोड का निर्माण भी करवा रहा है। यह रोड 7 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी लागत 30 करोड़ रुपए बताई जा रही है।

खर्च पर उठे सवाल

इस रोड के दोनों किनारों पर दो-दो मीटर चौड़ी पैकिंग के लिए अब 5 करोड़ रुपए के पैविंग ब्लॉक्स लगाने का अलग से ठेका दिया गया है। जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि सीसी रोड में पैकिंग खुद ही शामिल होती है, ऐसे में अलग से ठेका देने पर सवाल उठ रहे हैं। पहले ठेके में ही किनारे की पैकिंग और डक्ट लाइनिंग का काम शामिल था, इसके बावजूद नया टेंडर जारी किया गया है।

काम का 90% हिस्सा पूरा किनारे का काम बाकी

शाहपुरा बाबानगर से लेकर सीआई तिराहा तक 90 प्रतिशत रोड का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। केवल किनारे की पैकिंग का हिस्सा अधूरा है, जिसे अब दूसरे ठेकेदार को दिया गया है। यह निर्णय पारदर्शिता और बजट प्रबंधन को लेकर सवाल खड़े कर रहा है।