जम्मू-कश्मीर के शांत और सुरम्य इलाके पहलगाम एक बार फिर आतंकी हिंसा की भेंट चढ़ गया है। हाल ही में हुए इस भीषण आतंकी हमले ने 2019 के पुलवामा हमले की दर्दनाक यादें ताज़ा कर दी हैं। इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के संगठन ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने जिम्मेदारी ली है।
सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस हमले में शामिल आतंकियों के स्केच और नाम जारी कर दिए हैं। इनमें आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा जैसे नाम शामिल हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि ये हमले के मास्टर प्लान में शामिल थे।

स्थानीय आतंकियों की हुई पहचान
सूत्रों के अनुसार, हमले में दो पाकिस्तानी और दो स्थानीय आतंकी शामिल थे। पाकिस्तानी आतंकियों की भाषा पश्तो थी, जिससे उनकी पहचान और पुष्टि हुई। इस हमले में स्थानीय आतंकियों के रूप में आदिल अहमद ठाकुर और आशिफ शेख की पहचान हुई है। आतंकियों ने लगभग 15 से 20 मिनट तक AK-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग की और पूरे इलाके में दहशत फैला दी।
इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, इस आतंकी हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद है, जो पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट से ऑपरेट करता है। जानकारी के अनुसार, सैफुल्लाह ने एक महीने पहले इस तरह के हमले की धमकी दी थी। उसका एक 2019 का वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें उसने कहा था कि “कश्मीर का मसला ठंडा नहीं होने देना है।”
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मृतकों को दी श्रद्धांजलि और किया परिवारों से संवाद
हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहलगाम का दौरा किया। उन्होंने हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और हमले की जगह का निरीक्षण भी किया। शाह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, “भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस कायराना हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” इसके बाद शाह श्रीनगर में पीड़ित परिवारों से भी मिले और उन्हें ढांढस बंधाया। वे अब दिल्ली लौटकर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में शामिल होंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग लेंगे।
एलओसी पर हाई अलर्ट, सेना को सतर्क रहने के निर्देश
पहलगाम हमले के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर और LoC क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सेना की सभी फॉर्मेशन्स को सतर्क कर दिया गया है ताकि किसी भी तरह की आतंकी घुसपैठ या साजिश को नाकाम किया जा सके।
NIA की टीम घटनास्थल पर पहुंची, सबूत जुटाने में लगी
हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम मौके पर पहुंच गई है और घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने में जुटी हुई है। जांच एजेंसियों को आशंका है कि इस हमले की योजना काफी पहले से बनाई जा रही थी और इसे बाहरी मदद के बिना अंजाम देना संभव नहीं था।
पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला
यह हमला 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए फिदायीन हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के हमले में 40 CRPF जवान शहीद हुए थे। उस दर्दनाक घटना के बाद अब पहलगाम अटैक ने फिर से देश की सुरक्षा एजेंसियों और सरकार को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।