Pensioners Pension : सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहद जरूरी खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हालिया निर्देश में अब कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल सकती है। रिटायर्ड केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों को पेंशन बांटने के लिए जिम्मेदार सभी बैंकों को निर्देश जारी किया गया है।
अब पेंशन भुगतान में किसी भी तरह की देरी पर 8% का ब्याज देना अनिवार्य होगा। आरबीआई के मास्टर सर्कुलर में बढ़ोतरी के साथ इसका उद्देश्य पेंशनर्स को उनके बकाये में देर के भुगतान के लिए क्षतिपूर्ति करना है।

आरबीआई द्वारा नियम तय
बता दे कि कई बार पेंशनर्स को पेंशन राशि का भुगतान काफी देर से किया जाता है। जिसके बाद आरबीआई द्वारा यह नियम तय किए गए हैं। सर्कुलर के अनुसार पेंशन भुगतान करने वाले बैंकों को पैंशन बकाया राशि जमा करने में देरी के लिए पेंशन भोगी को भुगतान की तिथि के बाद 8% प्रति साल की निश्चित ब्याज दर से उसका मुआवजा देना होगा।
मुआवजा 8% साल की निश्चित ब्याज दर पर
निर्देश में आगे स्पष्ट किया गया कि यह मुआवजा पेंशन से किसी भी दावे की आवश्यकता के बिना ऑटोमेटिक रूप से प्रदान किया जाएगा। पेमेंट डेट के बाद होने वाली किसी भी देरी के लिए मुआवजा 8% साल की निश्चित ब्याज दर पर दिया जाना चाहिए।
इतना ही नहीं उसी दिन पेंशनर्स के खाते में जमा किया जाएगा। जिस दिन बैंक द्वारा पेंशन या पेंशन की बकाया राशि संशोधित की जाएगी। वहीं इस 1 अक्टूबर 2008 से सभी लेट भुगतानों पर लागू किया गया है।
पेंशन की राशि का समय पर भुगतान
निश्चित ही इससे एक बड़ा बदलाव होगा और पेंशनर्स को उनके पेंशन की राशि समय पर भुगतान की जाएगी। सर्कुलर में बैंक द्वारा पेंशन डिसबर्समेंट के लिए एक व्यवस्था प्रक्रिया सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया था ताकि पेंशन भुगतान अधिकारियों से पेंशन आदेश की कॉपी तुरंत प्राप्त करके देरी से बचा जा सके।
बैंक को आरबीआई से निर्देश के वेट किए बिना पेंशन भुगतान पूरा करने के भी निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में सुनिश्चित किया जाएगा कि पेंशनर्स को अगले महीने के भुगतान के तिथि पर उनका लाभ मिल सके।
सर्कुलर में कहा गया की पेंशन डिस्ट्रीब्यूशन करने वाली सभी एजेंसी बैंकों को सलाह दी जाती है कि वह पेंशनर्स, खास कर वैसे पेंशन भोगी जो वृद्ध है।
उन पर सहानुभूति रखें और ग्राहक सेवा प्रदान करें। इतना ही नहीं बैंकों में बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करने का आगरा भी किया गया है ताकि बुजुर्ग पेंशनर्स को किसी भी तरह की तकलीफ का सामना न करना पड़े।