सरकार किसानों की मदद के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन इनमें से कुछ योजनाओं का फायदा सिर्फ उन किसानों को मिल पा रहा है, जो पात्र हैं। कई बार अपात्र किसान भी इन योजनाओं का फायदा उठा रहे हैं, जिससे सही किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी कारण सरकार ने एक नई पहल की है, जिससे केवल पात्र किसानों को ही योजनाओं का लाभ मिले।
क्या हैं फार्मर रजिस्ट्री और क्यों है जरूरी?
फार्मर रजिस्ट्री एक डिजिटल पहचान पत्र है, जिसे किसान की पहचान और उसकी कृषि गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी के साथ तैयार किया जाएगा। इस रजिस्ट्री में किसान की भूमि का विवरण और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी होगी। इसे किसानों की पहचान के रूप में देखा जा सकता है, जिससे सरकारी योजनाओं का फायदा उठाना बेहद आसान हो जाएगा।

यह रजिस्ट्री किसानों के लिए खासतौर पर लोन, केसीसी लोन, सब्सिडी, एमएसपी जैसे फायदों को प्राप्त करने में सहायक साबित होगी। इस प्रक्रिया के जरिए, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि केवल सही और पात्र किसान ही योजनाओं का लाभ उठा सकें।
क्या चाहिए फार्मर रजिस्ट्री बनाने के लिए?
फार्मर रजिस्ट्री के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज़ तैयार करने होंगे। इनमें मुख्यत:
- आधार कार्ड
- फोन नंबर
- भूमि स्वामित्व के कागजात
इन दस्तावेजों के साथ, किसान अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र या ग्राम पंचायत में जाकर रजिस्ट्री करवा सकते हैं।
30 अप्रैल तक करवा ले रजिस्ट्रेशन
सरकार ने किसानों के लिए 30 अप्रैल तक रजिस्ट्री करवाने की अंतिम तिथि तय की है। यदि किसान इस तिथि से पहले रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं, तो उन्हें जिन सरकारी योजनाओं का फायदा मिल रहा है, वह बंद हो सकता है। ऐसे में किसानों को इस महत्वपूर्ण तिथि से पहले फार्मर रजिस्ट्री जरूर करवा लेनी चाहिए।