भगवान महाकाल की नगरी में रंगों और भांग के साथ मनाई गई होली, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

उज्जैन में होली का त्योहार विशेष रूप से भगवान महाकाल की नगरी में भांग के साथ मनाया जाता है, जहां भांग की बिक्री होली के दौरान 10 गुना बढ़ जाती है। यह परंपरा धार्मिक महत्व रखती है, लेकिन चिकित्सीय दृष्टि से इसका अत्यधिक सेवन हानिकारक हो सकता है।

Srashti Bisen
Published:

Holi 2025 : होली का त्योहार पूरी दुनिया में उल्लास और प्रेम का प्रतीक होता है, लेकिन उज्जैन में यह पर्व अपनी एक विशेषता के लिए जाना जाता है। यहां होली सिर्फ रंगों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि भगवान महाकाल की नगरी में यह त्योहार भांग के साथ भी मनाया जाता है। होली के अवसर पर भगवान शिव की प्रिय बूटी, भांग की बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में 10 गुना तक बढ़ जाती है।

उज्जैन, जो भगवान महाकाल की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, में भांग का खास धार्मिक महत्व है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, जहां महाकाल के श्रृंगार के दौरान भांग का प्रयोग किया जाता है। होली के दौरान, हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने उज्जैन पहुंचते हैं और भांग का सेवन करते हैं, जो भगवान शिव का प्रसाद माना जाता है।

होली के दौरान भांग की बिक्री में होती है वृद्धि

उज्जैन में होली के अवसर पर भांग की बिक्री में वृद्धि होती है। व्यापारी सतनारायण यादव के अनुसार, “होली के समय भांग की मांग सामान्य दिनों की तुलना में 10 गुना बढ़ जाती है। खासकर ठंडाई के रूप में भांग की बहुत डिमांड होती है, जिसमें काजू, बादाम, पिस्ता जैसे सूखे मेवे मिलाकर इसका स्वाद और बढ़ाया जाता है।”

हालांकि भांग का सेवन धार्मिक दृष्टि से किया जाता है, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञ इसका अत्यधिक सेवन हानिकारक मानते हैं। डॉक्टर रौनक एलची के अनुसार, “भगवान के प्रसाद के रूप में थोड़ी मात्रा में भांग का सेवन शरीर पर प्रभाव डालता है, लेकिन अधिक मात्रा में और लंबे समय तक इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। इसलिए इसे संयमित मात्रा में ही लिया जाना चाहिए।”