जैसा की आप सभी को पता है कि श्रावण का महीना चल रहा है और अब तक 2 सावन सोमवार भी निकल चुके हैं। वहीं अब सावन मास में पड़ने वाली अमावस्या भी आने वाली है। इस अमावस्या को श्रावणी अमावस्या भी कहा जाता है। आपको बता दे, ये अमावस्या इस बार 20 जुलाई को आ रही है। वहीं इस अमावस्या को कुछ जगहों पर हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इसक हिन्दू मान्यताओं में काफी ज्यादा महत्त्व माना जाता है।
दरअसल, श्रावणी अमावस्या पर पितृ दोष की शांति के लिए उपाय करने से पूर्वजों को मुक्ति मिलती है। इस दिन दान धर्म का काफी महत्व माना जाता है। इस साल ये अमावस्या कई मायनों में विशेष है। क्योंकि जिस दिन ये अमावस्या है उस दिन सावन सोमवार है। आपको बता दे, ये संयोग 47 साल बाद बना है। सोमवती अमावस्या और सोमवती पूर्णिमा एक ही दिन पड़ रही हैं। 20 साल बाद सावन सोमवार के दिन सोमवती और हरियाली अमावस्या एक साथ पड़ रही है। साथ ही इस दिन पूर्णिमा की तिथि भी है।
इस अमावस्या का शुभ मुहूर्त है –
20 जुलाई 2020 को दोपहर 11 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी और रात्रि 11 बजकर 4 मिनट में इसका समापन हो जाएगा।
इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने का रिवाज है
सनातन धर्म में पीपल को पूज्यनीय बताया गया है। श्रावणी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने का रिवाज है। इसके अलावा आप इस दिन बरगद, केला, तुलसी और नींबू का पेड़ भी लगा सकते हैं।