भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीहोर जिले में बुधनी और नसरुल्लागंज में एनजीटी के प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से हो रहे अवैध रेत खनन को रोकने व रेत माफियाओं पर कार्यावाही के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली के चैयरमेन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल को पत्र लिखा है। सिंह ने एनजीटी चैयरमेन को बताया कि ट्रिब्यूनल द्वारा 1 जुलाई 2020 से नदियों से रेत खनन किए जाने पर रोक लगाए जाने के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में राजनैतिक दबाव के चलते दिन रात अवैध रेत खनन व परिवहन हो रहा है, ये एनजीटी के आदेशों का खुला उल्लंघन है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एनजीटी को बताया कि बुधनी क्षेत्र का सजग मीडिया रोज रेत खनन की खबरें प्रकाशित कर रहा है, बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन, पुलिस और खनिज विभाग रेत माफियाओं पर कार्यावाही करने की बजाए उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि रेत के इस खेल में प्रतिदिन लाखों रुपयों की रॉयल्टी का शासन को चूना लगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री की विधानसभा क्षेत्र बुधनी के छिदगांव, बड़गांव, आंवा, डिमावर, आंवलीघाट, बाबरी, जहाजपुर, चौरसाखेड़ी, नीलखण्ड, छीपानेर, रानीपुरा सहित अन्य घाटों से दिन रात जेसीबी और पोकलेन मशीनों से प्रतिबंधित अवधि में रेत निकाली जा रही है। स्थानीय अधिकारियों के संरक्षण में नसरुल्लागंज क्षेत्र के 30-40 गांवों में अवैध रूप से रेत स्टॉक कर, बेची जा रही है।
दिग्विजय सिंह ने एनजीटी के चैयरमेन से अनुरोध किया है कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र होने से जिम्मेदार अधिकारी राजनैतिक दबाब व निजी स्वार्थ के लिए रेत माफियाओं से मिलकर रेत की काला बाजारी करने जैसे संगीन अपराध कर रहे हैं। अतः इसे प्रभावी ढंग से रोकने के लिए इस मामले को संज्ञान में लेकर माफियाओं के खिलाफ दिखाई दी जाने वाली सख्त कानूनी कार्यवाही की जाना चाहिए।