विदिशा हादसे में लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हादसे की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वहीं शुक्रवार को सीएम ने मंत्रालय में बैठकर रेस्क्यू ऑपरेशन की Live मॉनिटरिंग की थी। मंत्रालय में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और तमाम आला अधिकारियों के बीच मुख्यमंत्री घटनास्थल पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की लाइव तस्वीरें देख रहे थे। आखिर मध्यप्रदेश में यह कैसे संभव हुआ है कि किसी भी आपदा की Live मॉनिटरिंग सरकार भोपाल में बैठकर कर सकती है।
वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। पीएम मोदी ने शनिवार को ट्वीट किया और मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। दरअसल, इस घटना की शुरुआत शाम 6:10 पर एक 13 वर्ष के रवि अहिरवार नाम के एक बालक के इस गहरे कुएं में गिरने से हो चुकी थी। क्षेत्रीय ग्रामीणजनो ने व जिम्मेदार लोगों ने पुलिस कंट्रोल से लेकर क्षेत्र के प्रशासन के व पुलिस के ज़िम्मेदार अधिकारियों को इस घटना की सूचना देने के लिये कई फोन लगाए लेकिन किसी भी ज़िम्मेदार अधिकारी से बात तक नही हो पायी।
यदि उसी समय कुए के आसपास मौजूद भीड़ को हटा दिया जाता तो इस घटना को रोका जा सकता था ? थोड़ी देर बाद भीड़ के दबाव से इस कुएं की मुंडेर धसने से कई लोग गहरे पानी में गिर गए ? प्रशासन के ज़िम्मेदार अधिकारी उस समय कहीं और व्यस्त रहे ? घटनास्थल पर जिम्मेदार प्रशासन के आला अधिकारी काफ़ी देरी से पहुंचे, एसडीआरएफ़ का दल भी रात 10:00 बजे के आसपास मौके पर पहुंचा, जिसके कारण राहत कार्य काफ़ी देरी से शुरू हुआ, तब तक क्षेत्रीय ग्रामीण जन ख़ुद अपने स्तर पर बचाव कार्य करते रहे।
क्षेत्र में पानी के संकट के कारण लोग इसी जर्जर कुए से पानी लेने को मजबूर थे , इसकी जगत काफी क्षति ग्रस्त व जर्जर हो चुकी थी ,इसकी मरम्मत की मांग भी कई बार उठी लेकिन जिम्मेदार लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया ? राहत कार्य देरी से प्रारंभ होने के कारण कई लोगों को बचाया नही जा सका, अभी भी कुछ शव मिल चुके हैं और कई अभी भी लापता है।
बड़ी आश्चर्यजनक बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद घटनास्थल से काफ़ी करीब होने के बावजूद, विदिशा जिले में ही होने के बावजूद ना रात में घटनास्थल पर पहुंचे और ना अभी तक पहुंचे। यह बेहद गंभीर मामला है कि प्रशासन के आला अधिकारी कही और व्यस्त होने के कारण व बचाव दल की टीम भी काफी देरी से घटनास्थल पर पहुंची ?