दुनियाभर में कोरोना संक्रमण ने पिछले डेढ़ सालों में अपना काफी कहर बरपाया है. आज भी इस बात की खोज की जा रही है कि कोरोना वायरस आखिर आया कहा से हैं. दुनियाभर के देशों का इशारा चीन की ओर ही गया है. कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान लैब से बाहर आया है. वहीं कुछ वेगनिकों का कहना है कि यह वायरस प्राकृतिक रूप से दुनिया के सामने आया है.
इसी बीच अब हाल ही में एक शोध में बताया गया है कि उसने SARS-CoV-2 के बारे में संभावित महत्वपूर्ण आनुवांशिक डेटा को पुनः प्राप्त कर लिया है, जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में एक डिजिटल प्लेटफॉर्म में रखा था और बाद में उसे हटा दिया गया था.
फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर के एक कम्प्यूटेशनल जीव वैज्ञानिक जेसी ब्लूम ने बताया कि उन्होंने बायोरेक्सिव सर्वर पर कोरोना वायरस से जुड़ी सभी जानकारी अपलोड कर दी हैं. बता दें कि बायोरेक्सिव एक ऐसा सर्वर है, जहां पर कोरोना से जुड़े अभी तक के शोध पेपर रिव्यू और पब्लिश होने से पहले रखे जाते हैं. ब्लूम के शोध का वैज्ञानिक महत्व स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसने वैज्ञानिकों के बीच एक विवाद को जन्म दिया है. ब्लूम के शोध को लेकर कुछ वैज्ञानिकों ने इसे सही बताया है तो कुछ इससे संतुष्ट नहीं हैं.
ब्लूम ने वॉशिंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं मानता हूं कि यह एक हॉट टॉपिक है. यह एक अत्यधिक पारंपरिक वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है, लेकिन कम से कम इसमें कुछ नया डेटा और नई जानकारी है. ब्लून ने अपने शोध से जुड़ा सारा डेटा Google क्लाउड के माध्यम से निकाला है. इस शोध में कोई नई जानकारी तो नहीं दी गई है, लेकिन जो आंकड़े पेश किए गए हैं वो बताते हैं कि दुनियाभर में कोरोनावायरस चीन के वुहान से फैला था. इसमें बताया गया है कि वुहान में बेचे जाने वाले जानवरों से ही कोरोना वायरस दुनियाभर में फैला था.