प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 65 लाख से अधिक परिवारों को स्वामित्व कार्ड बांटे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना से आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा और यह ग्रामीण विकास में अहम कदम साबित होगा। प्रधानमंत्री ने इसे देश के गांवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक दिन करार दिया।
स्वामित्व योजना से ग्रामीण सशक्तिकरण की ओर बड़ा कदम
स्वामित्व योजना की शुरुआत पाँच साल पहले की गई थी, जिसका उद्देश्य था कि गांवों के निवासी अपनी कानूनी संपत्ति का प्रमाण प्राप्त करें। पिछले पाँच सालों में डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को स्वामित्व कार्ड मिल चुके हैं, जो अब ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण अधिकार बन चुका है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says “5 years ago the SVAMITVA Scheme was started so that the villagers could be given legal proof of their houses…The names are different in different states, but these are the certificates of SVAMITVA. In the last 5 years, these SVAMITVA… pic.twitter.com/CBgcl2h0As
— ANI (@ANI) January 18, 2025
‘ग्राम स्वराज को जमीन पर उतारने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ग्राम स्वराज को जमीन पर उतारने के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना से गांवों के विकास की योजना और उसके कार्यान्वयन में अब सुधार हो रहा है, जो पहले की सरकारों के समय में नहीं था। मोदी ने बताया कि 2014 में जब उनकी सरकार बनी, तब उन्होंने प्रॉपर्टी के कागजों की समस्या से निपटने का निर्णय लिया और स्वामित्व योजना की शुरुआत की।
ड्रोन से गांवों की संपत्ति की मैपिंग और डिजिटल रिकॉर्ड
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने ड्रोन की मदद से देश भर के गांवों में घरों और जमीनों की मैपिंग की है। इसके माध्यम से गांव के लोगों को उनकी आवासीय संपत्ति के कागजात दिए गए हैं, जो अब भू-आधार और स्वामित्व योजनाओं के साथ गांवों के विकास की नींव बनेंगे। 23 करोड़ भू-आधार नंबर अब तक जारी किए जा चुके हैं और 98 प्रतिशत लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जा चुका है।
प्रॉपर्टी राइट्स की अहमियत पर प्रधानमंत्री का जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रॉपर्टी राइट्स को लेकर विश्व के सामने एक बड़ी चुनौती रही है, जिसे हल करने की जरूरत है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र का जिक्र करते हुए बताया कि एक रिपोर्ट में यह सामने आया था कि कई देशों में लोगों के पास प्रॉपर्टी के कानूनी दस्तावेज नहीं होते, जिससे गरीबी को कम करना कठिन होता है। इसलिए, प्रॉपर्टी राइट्स को अहम मानते हुए इसे गरीबी हटाने के लिए आवश्यक कदम बताया।