Bhopal: पूर्व CM की पहल के बाद डिप्टी CM एक्शन में, नर्सिंग प्रवेश में अनियमितताओं पर बुलाई आपात बैठक

Abhishek singh
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नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश से जुड़ी अनियमितताओं को लेकर छात्रों ने एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मुलाकात की थी। उन्होंने इस मामले में संबंधित अधिकारियों से चर्चा की थी। मामला तूल पकड़ने पर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने बुधवार को अधिकारियों की बैठक बुलाई और निर्देश दिए कि इन विसंगतियों को तुरंत दूर किया जाए। दरअसल, 12वीं कक्षा में हिंदी विषय न होने के कारण सैकड़ों छात्रों को प्रवेश परीक्षा पास करने के बावजूद दाखिला नहीं मिल रहा है।

विद्यार्थियों को मिला प्रवेश

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में 12वीं में हिंदी विषय न पढ़ने वाले उम्मीदवारों के चयन में उत्पन्न विसंगतियों पर संज्ञान लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मानकों के अनुसार आवश्यक प्रावधान करते हुए इस समस्या का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाए, ताकि योग्य उम्मीदवारों को समय पर प्रवेश दिया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने फार्मेसी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए फार्मेसी काउंसिल के नियमों में आवश्यक बदलाव करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने भोपाल स्थित मंत्रालय में विभागीय मुद्दों की भी समीक्षा की।

तेज और पारदर्शी भर्ती सुनिश्चित करने पर जोर

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन आयोग और लोक सेवा आयोग के तहत जारी विभागीय भर्ती प्रक्रियाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कैबिनेट द्वारा स्वीकृत पदों की भर्ती प्रक्रिया को तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही, मेडिकल कॉलेजों में पे-प्रोटेक्शन के प्रावधान और तीन नए जिला चिकित्सालयों में पदों की स्वीकृति के प्रस्ताव को शीघ्र कैबिनेट अनुमोदन के लिए तैयार करने पर जोर दिया। इस बैठक में राज्य मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा नरेन्द्र शिवाजी पटेल, प्रमुख सचिव संदीप यादव, स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी, और मध्यप्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल के रजिस्ट्रार केके रावत समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

दिग्विजय ने कहा, सीएम को घेरने की हो रही कोशिश

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्णय को हैरान करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि चयनित छात्रों के रजिस्ट्रेशन केवल इसलिए रद्द किए जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की है, जबकि केंद्रीय नर्सिंग काउंसिल के नियमों में अंग्रेजी माध्यम की अनिवार्यता स्पष्ट है।

दिग्विजय ने सवाल उठाया, “मोहन यादव जी, क्या यह आपको बदनाम करने की साजिश है? आपके गुरु जेपी नड्डा जी केंद्रीय मंत्री रहते हुए अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई को बढ़ावा देते हैं, और आप हिंदी माध्यम को अनिवार्य कर रहे हैं। आखिर इन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों हो रहा है?”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने जो नए नियम बनाए, वे 24 दिसंबर 2024 को प्रकाशित किए गए, जबकि परीक्षा के नतीजे इससे पहले घोषित हो चुके थे। उन्होंने आशंका जताई कि यह कदम केवल इसलिए उठाया गया है क्योंकि कुछ प्रभावशाली लोगों के बच्चों का चयन नहीं हो पाया। उन्होंने इस निर्णय को अनुचित ठहराते हुए सवाल किया, “क्या यह सही है?”