Ujjain: सिंहस्थ बैठक में न बुलाए जाने पर साधु-संतों ने जताई नाराजगी, अखाड़ा परिषद ने किया बहिष्कार का ऐलान

आगामी 2028 में धार्मिक नगरी उज्जैन में सिंहस्थ महापर्व का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस महाकुंभ के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, लेकिन महाकुंभ की तैयारियों को लेकर हो रही बैठकों में साधु संतों को न बुलाए जाने पर उन्होंने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की हैं। उनका कहना है कि इन बैठकों में केवल उन्हें ही नजरअंदाज किया जा रहा है, जो कि गलत है। उनका मानना है कि सिंहस्थ के सभी कार्य यदि साधु संतों की सलाह से किए जाएं, तो ये काम बेहतर तरीके से संपन्न होंगे। लेकिन यदि प्रशासन हमारे योगदान को महत्व नहीं देता, तो हम ऐसी बैठकों का बहिष्कार करेंगे।

स्थानीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रामेश्वर दास महाराज ने कहा कि उज्जैन में सिंहस्थ महापर्व के लिए प्रशासनिक अधिकारी निर्माण कार्यों पर चर्चा करने के लिए बैठकों का आयोजन कर रहे हैं। वे सिंहस्थ से जुड़े निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी कर रहे हैं, लेकिन इन सभी प्रक्रियाओं में साधु संतों की कोई उपस्थिति नहीं है, न ही हमसे कोई विचार-विमर्श किया जा रहा है। जब हम पहले मुख्यमंत्री से मिले थे, तो उन्होंने हमें आश्वस्त किया था कि सिंहस्थ से संबंधित हर बैठक में हमें आमंत्रित किया जाएगा। लेकिन अब तक किसी भी महंत को बुलाया नहीं गया और न ही हमारी कोई राय ली गई। यह साधु समाज की अवहेलना है, जिसके कारण समाज में नाराजगी बढ़ी है। हमने निर्णय लिया है कि अब हम इन बैठकों का बहिष्कार करेंगे।

दो दिन तक आयोजित हुई समीक्षा बैठक

रविवार और सोमवार को उज्जैन में उज्जैन संभाग और सिंहस्थ कार्यों की समीक्षा बैठक दो दिनों तक आयोजित की गई। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने सिंहस्थ से संबंधित निर्माण कार्यों और सभी अखाड़ों के पेशवाई मार्गों का स्थल निरीक्षण किया। साथ ही महाकाल मंदिर, महाराजवाड़ा, मेला क्षेत्र में पुलिस कंट्रोल रूम, पार्किंग स्थल और अन्य क्षेत्रों का भी निरीक्षण किया गया, जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल थे। इस दौरान वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे। इसके बाद सिंहस्थ और उज्जैन संभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें जनप्रतिनिधि और संभाग के उच्च अधिकारी शामिल हुए।