कोरोना की कठिन परिस्थितियों के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत के बयान से राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। शिवसेना सांसद संजय राउत के देवी अहिल्या की तुलना पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से करने के बाद इंदौर सांसद शंकर लालवानी बेहद नाराज है। उन्होंने संजय राउत को कम समझ वाला नेता बताते हुए कि ‘बकवास करना संजय राउत की आदत है लेकिन माता अहिल्या का अपमान सहन नहीं होगा और राउत को इस पर माफी मांगनी चाहिए।’
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि माता अहिल्या का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था लेकिन मुझे आश्चर्य है कि दिन-रात मराठी अस्मिता का गान करने वाली शिवसेना को ही देवी अहिल्या के महान कामों की जानकारी नहीं है। माता अहिल्या ने हिंदू धर्म की अखंड ज्योति को प्रज्जवलित रखने के लिए पूरे देश में काम किया। भगवान काशी विश्वनाथ, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग समेत देश में हजारों मंदिर, धर्मशालाएं, घाट आदि बनवाए।
सांसद शंकर लालवानी ने आपत्ति जताते हुए बताया कि कहा जाता है की माता अहिल्या इतनी प्रजापालक थी कि भगवान राम के बाद उनके राज में ही प्रजा सबसे ज्यादा सुखी थी लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के लोग कटमनी के बिना कोई काम नहीं करते हैं। बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं पर रोज हमले हो रहे हैं, ऐसी बदतर कानून व्यवस्था वाले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना सुशासन की प्रतीक माता अहिल्या से करने वालों को अविलंब माफी मांगनी चाहिए।
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि मैं शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी पूछना चाहता हूं कि क्या वे संजय राउत के बयान से सहमत हैं, क्या वे पुण्यश्लोका माता अहिल्या की तुलना ममता बनर्जी से करने को उचित मानते हैं?
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि वे इस विषय पर उन्होंने उद्धव ठाकरे को एक पत्र भी लिख रहे हैं और उनसे भी जवाब मांगा जाएगा।