भारत के लिए एक बड़ी आर्थिक सफलता की ओर बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है। जापान टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत जल्द ही जापान को पछाड़ कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यह रिपोर्ट जापान के विभिन्न अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के विचारों पर आधारित है, जिसमें भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की सराहना की गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि के कई कारण हैं, जो इसे भविष्य में दुनिया के आर्थिक मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाएंगे।
2025 तक भारत, जापान को पीछे छोड़ सकता है
जापान टाइम्स के मुताबिक, मार्सेल थिएलियंट, जो कि कैपिटल इकोनॉमिक्स के एशिया-प्रशांत प्रमुख हैं, ने कहा कि भारत 2026 तक अपनी जीडीपी (GDP) में जापान को पीछे छोड़ सकता है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमान के मुताबिक भारत 2025 तक जापान को पीछे छोड़ने की संभावना रखता है। जबकि एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अनुसार यह 2030 तक हो सकता है।
भारत की वृद्धि को लेकर उत्साहित हैं जापानी अर्थशास्त्री
जापानी अर्थशास्त्रियों ने भारत की विकास दर को लेकर उत्साह जताया है और इसके कारणों पर भी चर्चा की है। उनका कहना है कि भारत की आर्थिक वृद्धि के प्रमुख कारण हैं:
आर्थिक क्षमता में निरंतर सुधार: भारत ने 2000 के बाद से अपनी आर्थिक क्षमता में लगातार सुधार किया है। 2022 में भारत ने पहले ही यूके को पीछे छोड़ दिया है।
डिजिटल क्रांति: भारत वैश्विक डिजिटल लेन-देन में 46 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुका है।
जनसंख्या और युवा आबादी: भारत की बढ़ती जनसंख्या और युवा आबादी का सकारात्मक असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है, जिससे आर्थिक विकास की गति बढ़ी है।
वैश्विक व्यापार में प्रभाव: भारत अब 27 देशों के साथ अपने रुपये का उपयोग करके व्यापार करता है, जो वैश्विक व्यापार में उसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
2025 तक भारत की जीडीपी 4.339 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान
IMF के अनुसार, 2025 तक भारत की जीडीपी 4.339 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो जापान के 4.310 ट्रिलियन डॉलर से अधिक होगी। यह भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की पुष्टि करता है और वैश्विक स्तर पर उसकी स्थिति को मजबूत बनाता है। दूसरी ओर, जापान को लगातार आर्थिक मंदी और दशकों से चली आ रही अपस्फीति (deflation) का सामना करना पड़ रहा है, जो उसके विकास में बाधा डाल रहा है।
भारत, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी शक्ति
भारत का आर्थिक विकास सिर्फ जीडीपी तक सीमित नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने बहुपक्षीय कूटनीति, वैश्विक सुरक्षा मुद्दों, और क्षेत्रीय कूटनीति में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई है। इसके कारण, भारत एशिया शक्ति सूचकांक में जापान को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी शक्ति बन चुका है। यह भारत की बढ़ती भू-राजनीतिक कद का स्पष्ट संकेत है।
भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ते व्यापारिक संबंध, डिजिटल तकनीकी प्रगति और युवा आबादी को ध्यान में रखते हुए, आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक स्थिति और भी मजबूत होगी। भारत की जीडीपी में वृद्धि, वैश्विक व्यापार में योगदान, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते प्रभाव से यह साफ है कि भारत जल्द ही जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।