नेपाल में बाढ़ और बारिश ने तबाही मचा दी है, जिसमें अब तक 112 लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। 68 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। काठमांडू में शनिवार को हुई बारिश ने पिछले 54 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिसमें 239.7 मिमी वर्षा हुई। इससे पहले, 2002 में काठमांडू में 177 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
जनजीवन अस्त-व्यस्त
बाढ़ और भूस्खलन ने देश के कई हिस्सों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राष्ट्रीय राजमार्ग और सड़कें बाधित होने के कारण सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं। हजारों यात्री विभिन्न स्थानों पर फंस गए हैं। विशेष रूप से मध्य और पूर्वी जिले बाढ़ और भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
काठमांडू घाटी में विनाश
काठमांडू घाटी में 37 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कावेरी जिले में बाढ़ और भूस्खलन से 34 लोगों की जान गई है। भूस्खलन के कारण काठमांडू की सभी पहुंच सड़कें बंद हो गई हैं। इसके अलावा, शनिवार को मकवानपुर के इंद्रसरोवर में छह फुटबॉल खिलाड़ियों की भी मौत हो गई।
नदियों का उफान और ढहते पुल
भोटेकोशी नदी के उफान ने नेपाल की तातोपानी सीमा को जोड़ने वाले बेली ब्रिज को बहा लिया, जिससे कई गांव अलग हो गए हैं। स्थानीय लोग परिवहन के लिए जंगल की सड़कों का उपयोग करने को मजबूर हैं।
सरकार की आपात बैठक
कार्यवाहक प्रधानमंत्री प्रकाश मान सिंह ने एक आपात बैठक बुलाई है, जिसमें खोज और बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, सरकार ने सभी स्कूलों को तीन दिनों के लिए बंद करने और सभी परीक्षाएं स्थगित करने का आदेश दिया है।