आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 24 सीटों पर मतदान हो रहा है, जिसमें कुल 219 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 23.27 लाख मतदाता करेंगे। पहले चरण में दक्षिण कश्मीर की 16 और जम्मू क्षेत्र की 8 सीटों पर वोटिंग हो रही है। यह चुनाव पीडीपी के गढ़ में हो रहा है, लेकिन महबूबा मुफ्ती के लिए अपने राजनीतिक अस्तित्व को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। जम्मू क्षेत्र में भी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के लिए अपनी साख को बचाना महत्वपूर्ण है, खासकर कम सीटों के संदर्भ में।
पहले चरण की 24 सीटों में दक्षिण कश्मीर के निर्वाचन क्षेत्रों में पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, शोपियां, कुलगाम आदि शामिल हैं। वहीं, जम्मू क्षेत्र में इंदरवाल, किश्तवाड़, डोडा और रामबन जैसी सीटें भी हैं। बीजेपी के सामने डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में अपनी स्थिति को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है, जबकि कांग्रेस और सीपीआई (एम) को भी अपनी सीटें बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
2014 के चुनावों में पीडीपी ने दक्षिण कश्मीर और चिनाब घाटी की 22 सीटों में से 11 सीटें जीती थीं। इस बार, अनुच्छेद 370 के हटने और परिसीमन के बाद, चुनावी समीकरण बदल गए हैं, जिससे मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच देखने को मिल रहा है। निर्दलीय उम्मीदवारों की भागीदारी से चुनावी परिदृश्य में बदलाव आ सकता है।
हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में गिरावट आई थी, लेकिन जम्मू क्षेत्र में मतदान के मामले में अच्छी स्थिति रही है। चुनाव आयोग लोगों को अधिक से अधिक वोट डालने के लिए प्रेरित कर रहा है, जिससे इस बार मतदान में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। पहले चरण में अनंतनाग, पुलवामा और शोपियां जैसे क्षेत्रों में कई प्रमुख नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है, जिनमें महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती और अन्य राजनीतिक दिग्गज शामिल हैं।