200 किमी की रफ्तार से बढ़ रहा चक्रवात यागी, भारत पर क्या होगा असर?

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सुपर तूफान ‘यागी’ वर्तमान में चीन के दक्षिणी प्रांत हैनान के पास पहुंच चुका है और इसकी रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे से भी अधिक है। यह तूफान पश्चिमी प्रशांत महासागर से तेजी से आगे बढ़ते हुए चीन के दक्षिणी प्रांत से टकराने वाला है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह तूफान सदी का सबसे बड़ा तूफान हो सकता है और इसके प्रभाव चीन के कई राज्यों में महसूस किए जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश के मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस चक्रवात के कारण राज्य के मौसम में बदलाव आएगा, जिसके चलते कई जिलों में बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभावना है। अगले सप्ताह के दौरान हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की गई है।

दिल्ली और एनसीआर में मौसम की स्थिति

देश की राजधानी दिल्ली में इस वीकेंड के दौरान मौसम सुहावना रहने की उम्मीद है। शुक्रवार को दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न इलाकों में झमाझम बारिश हुई, जिससे पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। आने वाले दो दिनों में दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश जारी रह सकती है। मौसम विभाग ने इस संबंध में येलो अलर्ट जारी किया है। बारिश के कारण कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है और यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण नदी किनारे रहने वाले लोगों में चिंता बढ़ गई है।

बाढ़ की स्थिति: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, और महाराष्ट्र में बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। विशेष रूप से आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हालात बहुत ही खराब हैं, जहां लाखों लोग बाढ़ और बारिश के कारण विस्थापित हो गए हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। मौसम विभाग ने 8 और 9 सितंबर को तटीय आंध्र प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। इसी तरह, 9 और 10 सितंबर को तेलंगाना में भी भारी बारिश की संभावना है। गुजरात में शनिवार को भारी बारिश की संभावना है और महाराष्ट्र में 7 से 9 सितंबर तक बारिश की स्थिति बनी रह सकती है।

बंगाल की खाड़ी और पश्चिमी विक्षोभ

बंगाल की खाड़ी के मध्य में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जो धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ रहा है। 9 सितंबर के आसपास यह निम्न दबाव उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों पर एक दबाव में बदलने की संभावना है। इसके बाद, अगले 3-4 दिनों में यह दबाव पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और गंगा के तटीय पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा, झारखंड, और उत्तरी छत्तीसगढ़ में प्रभाव डाल सकता है। इसके साथ ही, एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्वोत्तर राजस्थान के मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है और जम्मू-कश्मीर के ऊपर एक चक्रवाती चक्र भी स्थित है, जो मौसम की गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है।