तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को राज्य विधानसभा में तमिलनाडु निषेध अधिनियम, 1937 के प्रावधानों को और मजबूत करने के लिए एक संशोधन विधेयक पेश किया, जिसका उद्देश्य अवैध शराब के निर्माण और बिक्री के लिए कठोर दंड सुनिश्चित करना है। अब तक जहरीली मेथनॉल युक्त अवैध शराब पीने से 65 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग इससे प्रभावित हुए हैं
इस विधेयक में अवैध शराब के आयात, निर्यात, परिवहन, कब्जे, निर्माण, बोतलबंद करने और सेवन जैसे अपराधों के लिए विभिन्न दंडों का प्रावधान है। तमिलनाडु निषेध (संशोधन) अधिनियम, 2024 सरकार द्वारा अधिसूचित तिथि से लागू होगा।
अधिनियम के द्वारा कठोर कारावास की सजा
यह अधिनियम की धारा 4,5,6,7 और 11 के तहत विभिन्न अपराधों के लिए कारावास की अवधि और जुर्माने की मात्रा को काफी हद तक बढ़ाता है। तदनुसार, संशोधन में अधिकतम 10 वर्ष के कठोर कारावास और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है। अधिनियम में कहा गया है कि अवैध शराब के सेवन से मृत्यु होने पर, शराब तस्करों को आजीवन कठोर कारावास की सजा दी जाएगी और जुर्माना 10 लाख रुपये से कम नहीं होगा,
कल्लाकुरिची में हुई जहरीली शराब त्रासदी सत्तारूढ़ द्रमुक के लिए एक बड़ा राजनीतिक झटका बन गई है। इस मामले की जांच फिलहाल सीबी-सीआईडी कर रही है। शुक्रवार को सीबी-सीआईडी ने स्थानीय कल्लकुरिची अदालत में याचिका दायर कर अब तक गिरफ्तार किए गए कुल आरोपियों में से 11 को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की जा रही हे।